राजधानी के चौक इलाके में स्थित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के ट्रॉमा सेंटर (KGMU trauma center fire) के द्वितीय तल पर पिछली 15 जुलाई 2017 को अज्ञात कारणों से लगी भीषण आग के मामले में जांच के बाद पांच अफसरों पर गाज गिरी है। कमिश्नर द्वारा की गई अग्निकांड की जांच में इन पांचों दोषियों को निलंबित कर दिया गया है।

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इनको किया गया निलंबित

  • गौरतलब है कि इस अग्निकांड के दौरान अफरातफरी और दहशत में छह से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
  • आग देखते ही प्रथम तल में मौजूद मरीज व उनके तीमारदार बाहर भाग निकले थे।
  • हालांकि अस्पताल द्वारा आनन-फानन मे अस्पताल के अन्दर लगे फायर उपकरणों द्वारा आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया लेकिन उपकरण फेल हुए थे।
  • कमिश्नर की रिपोर्ट के आधार पर एवं शासन के निर्देश पर चिकित्सा विश्वविद्यालय में कार्यरत अधिशासी अभियंता दिनेश राज, रामविलास वर्मा, जूनियर इंजीनियर एसपी सिंह, उमेश चंद्र यादव जूनियर इंजीनियर एवं फार्मासिस्ट प्रमोद कुमार पांडे को निलंबित कर दिया गया है।

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क्या था पूरा मामला?

  • पुलिस के मुताबिक, ट्रॉमा सेंटर (KGMU trauma center fire) के तृतीय तल पर स्थित एसी में हुए शार्ट सर्किट से आग लग गई।
  • आग लगने की सूचना 15 जुलाई को शाम 19:20 बजे आग लगने की सूचना चौक फायर कंट्रोल रूम को मिली।
  • आग की सूचना मिलते ही चौक अलीगंज और हजरतगंज के एक दर्जन से अधिक दमकल की गाड़ियों को मौके पर रवाना किया गया।

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  • वहीं हजरतगंज से क्रेन और हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म की मदद से दमकल कर्मियों ने आग पर पर काबू पाने के लिए रहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया।
  • करीब तीन घंटे तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका था।
  • आग की सूचना पाकर जिलाधिकारी कौशल राज और एसएसपी दीपक कुमार, केजीएमयू के वीसी भी मौके पर पहुंचे। सभी अधिकारियों ने मरीजों की हालत का जायजा लिया था।
  • इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी ट्रॉमा गए थे और जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

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  • आग लगने से केजीएमयू के लगभग सभी वार्डों में मरीजों को भर्ती कराया गया।
  • कुछ मरीजों की धुएं से हालत गंभीर हो गई।
  • जिन्हें गंभीर हालत में इलाज के लिए अलग भर्ती कराया गया था।
  • केजीएमयू में लगी भयंकर आग के बाद सुरक्षा बलों के साथ केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टरों की टीम को भी राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया था।
  • घंटों चले बचाव कार्य के दौरान सभी डॉक्टर भी मरीजों को बचाते हुए नजर आये थे।
  • बता दें कि जिस समय आग लगी है उस समय ट्रॉमा सेंटर में कई जिलों के सैकड़ों मरीज भर्ती थे।
  • गनीमत रही कि इस अग्निकांड में कोई हताहत नहीं हुआ। जब ट्रॉमा सेंटर मरीजों से फुल हो गया तो मरीजों को शताब्दी (KGMU trauma center fire) अस्पताल में भी शिफ्ट किया गया था।

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