खतौली रेलवे स्टेशन के पास उत्कल एक्सप्रेस अचानक डिरेल हो गई. इस घटना में 23 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है. वहीँ हादसे में अबतक 156 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई. हालाँकि घायलों की संख्या में इजाफा जारी है और सही आंकड़ें का इंतजार अभी भी है. हादसे में ट्रेन की एक बोगी नजदीक के मकान में घुस गई थी, जिसे निकालने में कड़ी मशक्कत हुई.
रेलवे ने माना- चल रहा था मरम्मत कार्य:
- मुजफ्फरनगर रेल हादसे पर रेलवे बोर्ड ने बड़ा बयान दिया है.
- मो. जमशेद ने इस हादसे में 20 यात्रियों की मौत और 92 लोगों के घायल होने की पुष्टि की.
- कहा घटना के तुरंत बाद NDRF के साथ मिलकर काम शुरू किया.
- रेलवे ने माना कि ट्रैक पर चल रहा था मरम्मत का काम चल रहा था.
- कहा कि कटे हुए रेलवे ट्रैक से ट्रेन गुजरने के चलते यह हादसा हुआ.
- उन्होंने कहा कि शाम तक हादसे की जिम्मेदारी तय करेंगे.
- मो. जमशेद ने कहा कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त, उत्तरी मंडल कल से जांच शुरू कर देंगे.
- जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कर्रवाई होगी.
- मो. जमशेद ने इस हादसे में 20 यात्रियों की मौत और 92 लोगों के घायल होने की पुष्टि की.
अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज:
- हादसे के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
- IPC की कई धाराओं सहित 304 -A के तहत मामला दर्ज किया गया है.
- GRP मुजफ्फरनगर थाने में दर्ज हुई FIR.
- 145/17 पर IPC की धारा 287,337,338 में मामला दर्ज हुआ .
- 304A के अलावा रेलवे एक्ट की धारा 151,153 केस दर्ज हुआ है.
- बता दें कि इस हादसे में मरने वालों के आंकड़ें को लेकर संशय बना हुआ है.
- प्रशासन 23 मौतों की पुष्टि कर चुका है जबकि स्थानीय लोगों के अनुसार मरने वालों की संख्या सैकड़ों में है.
हादसे के वक्त चाय पी रहे थे काम करने वाले रेलवेकर्मी:
- वहीँ रेल हादसे में खुलासा हुआ है कि ट्रैक की मरम्मत करने वाले मौके से नदारद थे.
- चश्मदीदों के अनुसार, काम करने वाले मौके से गायब थे.
- वो लोग अधूरा ट्रैक छोड़कर चाय पीने चले गए थे
- मरम्मत के काम में लगी टीम चाय पीने गई थी.
- जब हादसा हुआ, मरम्मत कर्मी उस वक्त चाय पी रहे थे.
- मरम्मत के दौरान पटरी कटी हुई थी जहाँ से ट्रेन गुजरी.
- इस खुलासे के बाद रेलवे अब लीपापोती में जुट गया है.
- मौत के आंकड़ों को लेकर भी अलग-अलग बयान आ रहे हैं.
- वहीँ रेल मंत्री की तरफ से जाँच करने की बात कही गई है.
- लेकिन अगर कार्य में लापरवाही बरती गई और उस कार्य की समीक्षा करने वाले नदारद थे फिर कौन जिम्मेदार है?
- इस चूक की किमत निर्दोष लोगों ने अपनी जान देकर चुकाई है.
- क्या मुआवजे से इस बड़ी लापरवाही पर पर्दा डालने की कोशिश हो रही है?
- बता दें कि यूपी में कई जगह पटरियां जर्जर हो चुकी हैं.
- अकेले कानपुर और उन्नाव के बीच दर्जनों बार पटरी टूटने की वारदात सामने आ चुकी है.
- ट्रेन लगातार टूटी पटरियों से गुजरती रही है लेकिन रेलवे की नींद है कि खुलने का नाम नहीं ले रही है.
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Kamal Tiwari
Journalist @weuttarpradesh cover political happenings, administrative activities. Blogger, book reader, cricket Lover. Team work makes the dream work.