उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुधवार 18 अक्टूबर को छोटी दिवाली के मौके पर अयोध्या में दीपोत्सव कार्यक्रम की घोषणा की थी, जिसके तहत अयोध्या में मंगलवार 17 अक्टूबर को दीपोत्सव की सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया था। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रभु राम की नगरी पहुँच चुके हैं। दीपोत्सव कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राम लीला का मंचन भी देखेंगे, जिसमें देश-विदेश के कई कलाकार भाग लेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम कथा पार्क में प्रभु राम का माता सीता और लक्ष्मण की अगुवानी की और मंच पर उनकी आरती उतारी। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास के प्रमाण-पत्र वितरित किए और कार्यक्रम का संबोधन भी किया। संबोधन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरयू नदी पर बने नया घाट पर पहुंचे थे, जहाँ उन्होंने सरयू नदी की आरती की। महाआरती के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम(ayodhya diwali celebration) का संबोधन भी किया।

महाआरती में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संबोधन के मुख्य अंश(ayodhya diwali celebration):

जिस दिन जल गयी वो उसके लिए रामराज्य(ayodhya diwali celebration):

  • जिसके घर आज़ादी के 70 सालों तक बिजली नहीं जली,
  • जिस दिन जल गई वो उसके लिए रामराज्य।
  • अयोध्या अब उपेक्षित नहीं होगी।
  • हमें अपने जीवन, पीढ़ी में विकास लाना है तो पूर्वजों का सम्मान करना होगा।
  • अब मुद्दा आ रहा है हम जनता का ध्यान हटाने अयोध्या आए हैं।
  • जो जाति परिवार क्षेत्र के नाम पर भेदभाव था वो रावण राज्य था।

अयोध्या को शक की दृष्टि(ayodhya diwali celebration):

  • त्रेतायुग के उस दृश्य से जोड़ने का प्रयास है।
  • अयोध्या को हमेशा शंका की दृष्टि से देखा जाता रहा।
  • रामलीला यहीं तक सीमित नहीं, एक दर्जन देशों में लोग इससे प्रेरणा लेते हैं।
  • इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश, वहां की रामलीला यहां आई है।
  • कुछ लोग हैं जिनका काम हर अच्छे काम का विरोध करना है।
  • पहले अयोध्या में घंटे दो घंटे बिजली आती थी, अब पूरी बिजली आ रही है।

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