डीएम द्वारा क्राइम मीटिंग प्रकरण मामला में डीजीपी ऑफिस ने आदेश पर एतराज जताया है। मुख्य सचिव के आदेश पर डीजीपी सहित आईपीएस एसोसिएशन ने भी विरोध किया है। एसोशिएशन का मानना है कि इस आदेश से एसपी की हैसियत कम होगी। आईपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह ने अपने बयान में कहा कि इस आदेश से कानून-व्यवस्था बेहतर होगी। लेकिन नए आदेश से युवा आईपीएस अधिकारी हतोत्साहित होंगे। उन्होंने कहा कि इस आदेश से संगठन को आपत्ति है।
कल मीटिंग में जुटेंगे आईपीएस अफसर
- हालांकि इस आदेश की IPS एसोसिएशन ने घनघोर आपत्ति दर्ज कराई है।
- IPS एसोसिएशन की कल लखनऊ में आपात बैठक बुलाई गई है।
- मुख्य सचिव के आदेश का विरोध तेज होता दिखाई दे रहा है।
- मुख्य सचिव के नए आदेश से IPS अफसर बेहद खफा हैं।
- आईपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण सिंह ने अपने बयान में कहा कि नए आदेश से हमें आपत्ति है।
- इस आदेश से युवा अफसर हतोत्साहित होंगे।
- हमने कल मीटिंग बुलाई है, इस पर सभी अफसर बैठकर बात करेंगे।
- बता दें कि मुख्य सचिव के आईपीएस अधिकारियों के काम में कटौती के इस फरमान (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) की जगह हर महीने की 7 तारीख को जिलाधिकारी (DM) क्राइम मीटिंग लेंगे) के बाद दोनों संगठन आमने-सामने आ गए हैं।
लॉ एंड ऑर्डर से संबंधित है सर्कुलर
- आईपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह ने अपने बयान में कहा है कि मुख्य सचिव के द्वारा जारी सर्कुलर को मैंने पढ़ा और देखा है।
- ये सर्कुलर क्राइम मीटिंग से संबंधित ना होकर लॉ एंड आर्डर से संबंधित है।
- कानून-व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी के साथ पुलिस अधीक्षक की भी होती है।
- अपराध नियंत्रण की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक का एक्सक्लूसिव डोमेन है।
- उन्होंने बताया कि ये सर्कुलर सितंबर महीने का है।
- डीजीपी ने इस मामले में अपना मत पिछले महीने नवंबर में ही भेज दिया था।
- अब शासन को निर्णय लेना है कि इस व्यवस्था का अंतिम रूप क्या होगा।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.