नरेन्द्र मोदी की पार्टी ने मेनिफेस्टो में जिस यूनिफार्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता का जिक्र किया गया था वो अब जल्दी ही देशभर में लागू हो सकता है।

ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि केंद्र सरकार यूनिफार्म सिविल कोड को लागू करने में आने वाली दिक्कतों पर चर्चा कर रही है और केंद्र सरकार इसको अंतिम रूप देने में जुटी हुई है।

मोदी सरकार ने लॉ कमीशन से बात की है और इसको लागु करने में आने वाली दिक्कतों के बारे में पूछा है। ये पहली बार है जब सरकार ने लॉ कमीशन से यूनिफार्म सिविल कोड के बारे में पूछा है और माना जा रहा है कि इसको लेकर राजनीतिक गलियारे का माहौल गर्म होगा।

क्या है यूनिफार्म सिविल कोड: यूनिफार्म सिविल कोड यानी देश के प्रत्येक नागरिक पर ये कानून समान रूप से लागु होगा। उदाहरण के लिए, भारत में अभी सिविल कोड हिन्दू और मुस्लिमों के लिए अलग हैं लेकिन इस कानून के लागु होने के बाद तलाक, शादी, प्रॉपर्टी आदि के बारे में सभी पर एक समान कानून लागु होगा और इससे जुड़े मामले का निस्तारण भी इसी कानून के आधार पर किया जायेगा।

देश में यूनिफार्म सिविल कोड को राजनीतिक चर्चाएं जोरों पर रहती हैं और इसको धार्मिक रूप देते हुए साजिश भी बताया जाने लगता है और धर्म-निरपेक्षता पर बड़ी बहस शुरू हो जाती है। जिसके बाद इस कानून के लागु होने से पहले ही कई तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले नेता इसके बुरे प्रभाव गिनाने लग जाते हैं जबकि केंद्र सरकार पर भी ये दबाव बनता रहा है कि चुनावी वादों को अमल में लाया जाये।

ऐसे में ये देखना दिलचस्प रहेगा कि केंद्र की इस पहल को किस-किसका का समर्थन मिलता है लेकिन एक बात तय है कि देश में सियासत फिर से चरम पर रहने वाली है।

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें