कानपुर जब-जब चुनाव का बिगुल बजता है तब अवैध शराब का धंधा जोर पकड़ लेता है। कानपुर में अवैध शराब का कारोबार खूब फलफूल रहा है। आबकारी विभाग की मिली भगत से देशी अवैध शराब की फैक्ट्रियों का संचालन हो रहा है। जिले में छह महीने में चौथी शराब फैक्ट्री का भंडाफोड हुआ है। जहां अवैध शराब का जखीरा बरामद हुआ है।  (Illegal Liquor Recovered)

285 पेटी अवैध शराब बरामद (Illegal Liquor Recovered)

  • एसएसपी कानपुर अखिलेश कुमार मीणा ने बताया कि सचेंडी पुलिस ने चेकिंग के दौरान शराब लदे दो लोडर रोके।
  • जिनके कोई कागजात नहीं होने पर पुलिस ने चालक से सख्ती से पूछतांछ की तो उसने शराब फैक्ट्री का पता बता दिया।
  • जिसके बाद पुलिस ने भौती के पास एक मकान में छापा मारा तो उनकी आंखे फटी की फटी रह गयी।
  • यहां पुलिस को सात ड्रमों में पैतीस हजार लीटर केमिकल बरामद हुआ।
  • 285 पेटी बनी हुई देशी अवैध शराब बरामद हुई।
  • वहीं दस बोरों में भरे हजारों रैपर बरामद हुए।
  • पुलिस ने मौके से एक महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
  • पुलिस पकडे गए लोगों से पूछतांछ कर रही है।
  • जिससे फैक्ट्री संचालक तक पहुंचा जा सके साथ ही।
  • साथ ही निकाय चुनाव में इसकी खपत के बारे में भी पता चल सके।
  • क्षेत्र के लोगों की माने तो जो धंधेबाज जितनी अधिक शराब बनाता।
  • उसे उतना ही अधिक सुविधा शुल्क पुलिस को देना पड़ता है।
  • इसके अलावां जो लोग शराब बाजार में बेचते हैं, उनसे अलग माहवारी वसूली जाती है।
  • थानाध्यक्ष का कहना है कि क्षेत्र में अवैध कच्ची शराब का कारोबार कतई नहीं होने दिया जाएगा।
  • अभियान चलाकर ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा जो इस धंधे में शामिल हैं।
  • खुलेआम 20-20 रुपये में पाउच बिकते हैं।
  • शराब का यह काला कारोबार पुलिस की सांठगांठ और कुछ दबंगों के संरक्षण में चल रहा है।
  • शराब से जब कहीं कोई घटना होती है तो महज खानापूर्ति के लिये छापेमारी कर ली जाती है।
  • कुछ लोगों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज होते हैं। (Illegal Liquor Recovered)
  • लेकिन इस कार्रवाई के बाद भी इन लोगों ने शराब का कारोबार बंद किया या नहीं, यह देखने वाला कोई नहीं है।
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