अनजान और अदृश्य ताकतों की खोज करने वाले इंडियन पैरानार्मल सोसाइडी के संंस्‍थापक गौरव तिवारी की मौत की गुत्‍थी बेहद उलझी हुई है। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक गौरव ने 7 जुलाई को अपने घर के बाथ्‍ारूम में आत्‍महत्‍या की थी। जिस वक्‍त गौरव ने आत्‍महत्‍या की थी उस वक्‍त सुबह के 9.30 बजे थेे लेकिन घरवालों ने उसकी मौत की खबर दिल्ली पुलिस को सुबह करीब 11.30 बजे दी थी। गौरव उस रात 12 बजे के आस-पास घर पर आया था, जबकि घरवालों से बोला कि वह रात एक बजे आया। ऐसे तमाम सवाल है जो गौरव की आत्‍महत्‍या पर तमाम सवाल उठा रहे है।

गौरतलब है कि देश और दुनिया के करीब छह हजार हॉन्‍टेड लोकेशन की जांच करने वाले गौरव की लाश सात जुलाई को दिल्ली के द्वारका इलाके में उसी के फ्लैट में पाई गई थी। वो अपने ही घर के बाथरूम में फर्श पर पड़ा था। उसके गले पर काले रंग के गहरे निशान मिले थे। ये निशान कुछ-कुछ वैसे ही हैं जैसे अमूमन गले में फंदा कसने पर होता है। गौरव के घरवाले के मुताबिक 7 जुलाई की सुब‍ह उन्‍हे गौरव के बाथरूम से कुछ गिरने की आवाज अाई। जब गौरव की पत्‍नी और उनके पिता ने खिड़की से बाथरूम के अन्‍दर झाकने की कोशिश की तो गौरव बेसुध होकर जमीन पर पड़ा़ हुआ था।

आपको बताते चले कि अपनी मौत से एक दिन पहले गौरव दिल्‍ली के जानकीपुरम मेंं स्थित एक हॉन्‍टेड प्‍लेस की जांच करने गया था। वो देर रात 12 बजे घर वापस आया था। सवाल ये उठता है कि उस रात ऐसा क्‍या हुआ था जिसकी वजह ने गौरव तिवारी ने अपनी जिन्‍दगी को ही खत्‍म कर दिया।

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