गुजरात के विधानसभा चुनावों (gujarat elections) में जहाँ बीजेपी अपना अभेद किला बचाने में सफल रही है, तो वहीँ हिमाचल प्रदेश में भाजपा की बहुत बड़ी जीत हुई है, वहीँ गुजरात विधानसभा चुनाव नतीजों के मामले में भाजपा व कांग्रेस दोनों की टक्कर बेहद दिलचस्प रही है. वहीँ इस चुनाव में भले ही भाजपा का वोट शेयर काफी बढ़ा है, लेकिन इन सीटों को लेकर भाजपा को घाटा भी हुआ है.

वोट शेयर बढ़ने पर भी सीटें घटीं:

  • आपको बता दें कि गुजरात चुनाव में भाजपा ने विरोधियों को हारकर एक बड़ी जीत हासिल कर ली है.
    • वहीँ भाजपा का वोट शेयर अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से भले ही काफी ज्यादा रहा, लेकिन फिर भी उसकी सीटें कम हो गई हैं.
    • भाजपा के वोट प्रतिशत को लेकर अगर बात करें, तो पूरे राज्य में भाजपा को 49.1 प्रतिशत वोट मिले जो वर्ष 2012 में मिले 47.9 प्रतिशत वोट से ज्यादा है.
    • वहीँ अगर 2014 के लोकसभा चुनाव में मिले 59.1 प्रतिशत वोट शेयर से इसकी तुलना की जाए तो पार्टी को खासा नुकसान उठाना पड़ा है.
    • बता दें कि कांग्रेस ने भी पिछले चुनाव के मुकाबले अपना वोट शेयर काफी बढ़ाया है.
    • कांग्रेस को पांच साल पहले 38.9 प्रतिशत वोट मिले थे.

भाजपा को बड़ी जीत नहीं मिली (gujarat elections)

  •  जबकि इस चुनाव में बढ़कर 41.4 प्रतिशत हो गए हैं.
  • वहीँ उन इलाकों में भी भाजपा का वोट शेयर कांग्रेस से काफी ज्यादा रहा है.
  • जहां पार्टी ने ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की है.
  • बता दें कि ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस का प्रदर्शन सीटों के हिसाब से काफी अच्छा रहा है.
  • लेकिन वोट यहाँ भी शेयर में भाजपा (gujarat elections) ने ही बाजी मारी है.
  • वहीँ इसके बाद भी भाजपा को लेकर ये बड़ा सवाल उठ रहा है कि इस चुनाव में वोट शेयर कांग्रेस से अच्छा होने के बाद भी भाजपा ने बड़ी जीत नहीं हासिल की है.
  • भाजपा बहुमत के आंकड़े से केवल सात सीटें ही ज्यादा जुटा सकी है.
  • शहरी क्षेत्रों की कई सीटों पर भाजपा ने बड़े अंतर से जीत हासिल की है और यही वजह है कि भाजपा बहुमत के आंकड़े से केवल सात सीटें ही ज्यादा जुटा सकी.
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