समाजवादी पार्टी अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गयी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पिछले चुनाव में मिली हार को भुलाते हुए अब 2019 में विजय की तैयारियों में लग गये हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार कई दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल करा रहे हैं मगर 2019 के पहले एक चुनाव में सपा को अपनी दावेदारी पेश करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।

सहकारिता चुनाव है सपा के लिए चुनौती :

समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव जीतने के लिए पार्टी को एकजुट करना शुरू कर दिया है मगर अखिलेश के लिए 2019 के पहले सहकारिता चुनाव में जीत हासिल करना जरूरी होगा। इसके लिए सपा के सभी सांसदों और विधायकों ने कमर कास ली है। सपा के लोकसभा सांसद तेजप्रताप यादव ने कहा कि कार्यकर्ताओं की मेहनत के बिना कोई चुनाव नहीं जीता जा सकता है। उन्होंने कहा कि सहकारी समिति के चुनाव में समाजवादी पार्टी को अपना वर्चस्व बनाये रखना है। काफी समय से सहकारी समिति के चुनाव में सपा अपना दबदबा बनाये हुए है। सपा सांसद ने कहा कि सहकारिता चुनाव में सपा का दबदबा बनाये रखने के लिए कार्यकर्ताओं को अभी से जुट जाना होगा।

चुनाव के लिए गठित हुई समिति :

सपा सांसद ने कहा कि भाजपा की योजनायें पूरी तरह किसान विरोधी हैं जिससे जनता को सिर्फ नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा की जनविरोधी नीतियों से जनता परेशान हो चुकी है। बिजली और खाद की समस्या अब भी जस की तस बनी हुई है। सपा विधायक सोबरन सिंह यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने सपा सरकार में कराए गये सभी विकास कार्यों को रोक दिया है। उत्तर प्रदेश में अपराध लगातार बढ़ता जा रहा है और भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है। सपा ने इस चुनाव में जीतने के लिए समिति और प्रभारी की नियुक्ति की है।

 

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