मुरादाबाद में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा फूटपाथ पर रहने वाले गरीबों के हक पर डाका डालने का मामला सामने आया है। सरकार द्वारा गरीबों के लिए दी जाने वाली लकड़ी अधिकारी अपने रसूख के दम पर अपने घरों में डलवा रहे है। गरीबों के हक पर डाके का खेल मेयर विनोद अग्रवाल के इशारे पर खेला जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि मेयर कैमरे के सामने अधिकारियों के यहां लकड़ी जाना गलत नहीं मान रहे है। हालाकि वो पूरे मामले की जांच की बात कर रहे है। मेयर का दावा है की शहर में हर जगह अलाव भेजा जा रहा है। लेकिन हकीकत इसके ठीक विपरीत है।

अलाव के लिए भेजी रही है लकड़ी गीली

मुरादाबाद  समेत पूरे प्रदेश में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। आम से लेकर खास तक हर कोई ठंड के कहर से परेशान है। सबसे ज्यादा परेशानी रात के समय रिक्शा ऑटो चलाने और फूटपाथ पर रहने वाले लोगो को हो रही है। नगर निगम की तरफ से उन्हें अलाव नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण उन्हें फटे पुराने कपड़े और कूड़ा जलाकर ठंड से मुकाबला करना पड़ रहा है। हालाकी शहर के कुछ इलाकों में अलाव की लकड़ी भेजी जा रही है लेकिन वो भी गीली। ऐसे में बड़ा सवाल यह है  की गरीबो के लिए आने वाली लकड़ी आखिर जा कहा रही है।

रसूख के चलते डकार ले रहें है लकड़ी

अब आपको बताते है आखिर फूटपाथ पर रात गुजारने वालो के लिए आने वाला अलाव कहा जा रहा है। आखिर कौन है जो गरीबो के हक पर डाका डाल रहा है। असल में प्रशासन के ही कुछ बड़े अधिकारी गरीबो के हक पर डाका डाल रहे है। शाम होते ही उनकी कोठी से नगर निगम के कर्मचारियों के पास अलाव लकड़ी के लिए फ़ोन आने लगते है। अधिकारियों के रसूख़ ओर गरीबो के हक पर डाके की बात जब मीडिया ने मेयर से पूछी तो उन्होंने बेशर्मी से बोल डाला इसमे गलत क्या है। साथ ही उन्होंने मीडिया को भी अलाव ऑफर कर दिया। हालाकी अपनी गलती का अहसास होने के तुरंत बात उन्होंने पूरे मामले की जांच की बात बोल डाली।

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