इलाहाबाद में लोक सेवा आयोग की भर्तियों की सीबीआई से जांच के खिलाफ याचिका दर्ज कराई गई.हाईकोर्ट ने अध्यक्ष व सदस्यों को सीबीआई जांच में सहयोग करने के दिशा निर्देश दिये है.कोर्ट ने स्पष्ट किया है की पूछताछ करने से रोकने के आदेश से राहत केवल वर्तमान सदस्यों को मिलेगी.

 

भर्तियों की सीबीआई जांच के खिलाफ याचिका

यूपी लोक सेवा आयोग की भर्तियों की सीबीआई जांच के खिलाफ याचिका.हाईकोर्ट ने अध्यक्ष व सदस्यों को सीबीआई जांच में सहयोग करने का दिया आदेश,सीबीआई को आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों को बुला कर पूछताछ करने पर लगी रोक बरकरार,कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पूछताछ करने से रोकने के आदेश से राहत केवल वर्तमान सदस्यों को ही मिलेगी,इस आदेश से पूर्व अध्यक्ष अनिल यादव की बढ़ सकती हैं मुश्किलें,राज्य सरकार व सीबीआई की तरफ से दाखिल किया गया जवाब.

कोर्ट ने हलफनामा दाखिल करने का समय दिया

कोर्ट ने आयोग के अधिवक्ता को हलफनामा दाखिल करने का दिया समय.6 फरवरी को होगी मामले की अगली सुनवाई.लोक सेवा आयोग की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डी. बी. भोंसले और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने दिया आदेश.

क्या था पूरा मामला-

लाहाबाद हाई कोर्ट ने लोक सेवा आयोग, इलाहाबाद की पांच साल की भर्तियों की सीबीआई से जांच के खिलाफ दाखिल याचिका पर केन्द्र, राज्य सरकार और सीबीआई से एक हफ्ते में जवाब मांगा था. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 18 जनवरी तय की थी. साथ ही कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि तक आयोग के सदस्यों को बुलाकर पूछताछ करने पर रोक लगा दी है. भारत सरकार के सहायक सॉलिसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश ने सीबीआई की तरफ से कोर्ट से कहा कि वह आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों से इस बीच कोई पूछताछ नहीं करेंगे.

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