दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र गौतम ने केंद्र सरकार द्वारा हज सब्सिडी खत्म करने के फैसले को गलत बताया है। उन्होंने कहा है कि कुंभ, कैलाश मानसरोवर, आदि धार्मिक कार्यों में जब सरकारी फंड खर्च हो सकता है तो हज सब्सिडी जारी रखने में क्या दिक्कत है। वह नौ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के अल्पसंख्यक कार्य एवं समाज कल्याण मंत्रियों, सचिवों व वरिष्ठ अधिकारियों की समन्वय बैठक में हिस्सा लेने लखनऊ आए थे। 

उन्होंने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि धर्म के नाम पर बांटने की राजनीति बीजेपी कई साल से कर रही है। यह फैसला भी उसी का एक हिस्सा है।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यक कल्याण की योजनाओं को सही ढंग से लागू कर इसका फायदा नहीं पहुंचाना चाहती है।

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उन्होंने कहा NDMFC में ऐसी शर्तें लागू कर दी गई है जिससे योजना का लाभ आसानी से नहीं मिल सकता है, यह सरकार की योजना बना कर लाओ, ना देने की रणनीति का हिस्सा है।

नो डिटेंशन पॉलिसी खत्म हो

उन्होंने सरकार स्कूलों की नो डिटेंशन पॉलिसी को भी ठीक नहीं बताया है। इस पॉलिसी के तहत सरकारी स्कूलों में आठवीं तक के बच्चों को फेल नहीं किया जाता है।

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उन्होंने कहा की कक्षा 8 तक छात्र को फेल ना करने की नीति खत्म कर देना चाहिए इससे प्राइवेट स्कूलों को बढ़ावा मिल रहा है और सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र नवीं कक्षा में पास नहीं हो पाते।

स्किल डेवलपमेंट में 10वीं या 12वीं पास लोगों को ही प्रशिक्षण देने की शर्त को खत्म किए जाने की मांग करते हुए कहा कि ज्यादातर अल्पसंख्यक आठवीं ताकि शिक्षा से अलग हो जाते हैं इसलिए सरकार को चाहिए कि इसमें 10वीं या 12वीं कक्षा पास करने की शर्त को सप्ताह समाप्त किया जाए।

केंद्र सरकार पर साधा निशाना

राजेंद्र गौतम ने कहा कि उन्होंने अल्पसंख्यक विभाग की लखनऊ में आयोजित बैठक में इन सब मुद्दों को उठाया।

लेकिन केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की ओर से ऐसा कोई आश्वासन नहीं मिला कि वह इन संवेदनशील मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने को तैयार है की नहीं।

राजेंद्र गौतम ने कहा कि दिल्ली में ऐसा भी वक्त आया कि केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति ना मिलने के कारण छात्रों को शिक्षा बीच में ही छोड़ दें, उनकी सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव पास कर केंद्र की जगह दिल्ली सरकार ने उन छात्रवृतियों का पैसा जारी किया जाए।

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कुमार विश्वास पर कुछ नहीं बोले

दिल्ली में कानून व्यवस्था कमजोर होने के बारे में उन्होंने कहा कि हमारे पास पुलिस नहीं है ।

हम अधिकारियों की ना ही पोस्टिंग कर सकते हैं और ना ही ट्रांसफर या निलंबन।

इससे अधिकारियों और पुलिस के हौसले बुलंद हैं।

आप नेता कुमार विश्वास को राज्यसभा ना भेजे जाने के सवाल पर कहा कि पार्टी में कई नेता है, किसको कौन सी जिम्मेदारी सौंपी जाना पार्टी हित में है, यह फैसला कर ही जिम्मेदारी सौंपी जाती है।

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