प्रदेश के सहारनपुर जिले में पुलिस की संवेदनहीनता का मामला सामने आया है। यहां पुलिस की लापरवाही ने दो युवकों की जान ले ली। अपने परिवार के इकलौते बेटे रात में खंबे से बाइक टकराने के बाद गंभीर रूप से घायल हो गए थे। लहूलुहान युवकों को यूपी 100 की टीम इसलिए अस्पताल नहीं ले गई क्योंकि उनके खून से गाड़ी गंदी हो जाती। इलाज में देरी की वजह से दोनों युवकों की मौत हो गई।
 
गुरुवार की देर रात मोहल्ला सेतिया बिहार निवासी अर्पित खुराना (17) और सनी गुप्ता (17) मोटरसाइकिल से आ रहे थे।
बेरी बाग के मंगलनगर चौराहे पर एक खंबे से बाइक टकराने के बाद दोनों नाले में गिर गए।
लोगों ने उन्हें नाले से निकाला दोनों के सिर से खून बह रहा था। इसकी सूचना लोगों ने पुलिस को दी।
सूचना पाकर डायल 100 की गाड़ी मौके पर पहुंची।  पुलिसकर्मियों ने दोनों को अस्पताल ले जाने से मना कर दिया, क्योंकि उनके खून से गाड़ी गंदी हो जाएगी। 

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 उन्होंने घायलों को टेंपो से ले जाने की सलाह मुफ्त में दी। लोग उनके सामने गिड़गिड़ाते रहे ।
लेकिन पुलिसकर्मी नहीं माने। पुलिसकर्मियों के इनकार के बाद स्थानीय लोगों ने टेंपो से लेकर जिला अस्पताल पहुंचे।
लेकिन कुछ देर बाद ही उनकी मौत हो गई।  
सहारनपुर में पुलिसकर्मियों के इस अमानवीय चेहरे का स्थानीय लोगों ने वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
इसके बाद ही प्रशासन पर पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बना।
बताया जा रहा है कि सनी कैंसर पीड़ित पिता का एकलौता सहारा था। वहीं अर्पित भी घर का इकलौता चिराग था।
दोनों के बीच गहरी दोस्ती थी और एक ही स्कूल एक ही क्लास में पढ़ते थे।

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इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने डायल 100 में तैनात एक हेड कांस्टेबल व दो कांस्टेबलों को सस्पेंड कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
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