उत्तर प्रदेश में बिजली कम्पनियों की उदासीनता के चलते जिस प्रकार से विद्युत दुघर्टनाओं से आम-जनमानस की जाने जा रहीं हैं वह बेहद चिंताजनक है। विगत में उ.प्र. विद्युत सुरक्षा निदेशालय द्वारा केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण को विद्युत दुर्घटना सम्बन्धी वर्ष 2016-17 की जो रिपोर्ट भेजी गयी है। उसमें जो खुलासा हुआ है उससे उ.प्र. में अब तक प्रदेश के ऊर्जा इतिहास में सर्वाधिक विद्युत दुर्घटनाओं मरने वाले व्यक्तियों की संख्या 958 हो गयी है। जो यह सिद्ध करता है कि प्रत्येक दिन विद्युत दुर्घटना से लगभग 3 लोगों की जाने पूरे प्रदेश में रोज जा रही यह आकड़े रिपोर्टेड आंकड़े हैं। वैसे क्या हाल होगा भगवान ही मालिक।

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बढ़ती विद्युत दुघर्टनाओं पर अंकुश लगाने के लिये उ.प्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आज नियामक आयोग अध्यक्ष एसके अग्रवाल से मुलाकात की। उन्होंने बिजली कम्पनियों के लिये उचित दिशा निर्देश जारी कराने की मांग की। साथ ही बिजली कम्पनियों की उदासीनता पर गम्भीर सवाल उठाये। जिस पर आयोग अध्यक्ष द्वारा उपभोक्ता परिषद से एक विस्तृत प्रस्ताव मांगा है जिसे जल्द ही उपभोक्ता परिषद आयोग को सौपेगा।

उ.प्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व विश्व ऊर्जा कौंसिल के स्थायी सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि प्रदेश में बढ़ती विद्युत दुर्घटनाओं से जहां सैकड़ों व्यक्तियों की जाने जा रही हैं। वहीं बड़ी संख्या में बेजुबान जानवर भी मारे जा रहे हैं। साथ ही समय-समय पर किसानों की फसलें भी दुर्घटना में राख हो जाती हैं। विद्युत सुरक्षा निदेशालय द्वारा जारी यह आंकड़े स्वतः बता रहे हैं कि पिछले 5 वित्तीय वर्षों में 3491 लोगों की मृत्यु हुई, जो अपने आप में चिन्ता का विषय है।

विद्युत दुर्घटना वर्ष।  घातक विद्युत दुर्घटना।  मृतक व्यक्तियों की संख्या
2012-13                 1048                            570
2013-14                 1204                            611
2014-15                 1185                             629
2015-16                 1352                             723
2016-17                 1824                             958

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि उ.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा उपभोक्ता परिषद के एक जनहित प्रत्यावेदन पर वर्ष 2015 में पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष को विद्युत दुर्घटनाओं के मामले पर अंकुस लगाने के निर्देश दिये थे। रिर्पोट तलब की थी। इसके बावजूद भी कम्पनियां पूरी तरह से उदासीन हैं। जल्द ही उपभोक्ता परिषद पुनः आयोग के सामने बिजली कम्पनियों की खुलासा करते हुये विद्युत दुर्घटनाओं पर एक विस्तृत कार्य योजन पेश करेगा।

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