सीतापुर में कर्ज से ग्रसित किसान के साथ लोन देने वाली प्राइवेट फाइनेंस कंपनी के खिलाफ राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने आवाज उठाई। शेखर दीक्षित ने कहा कि किसी भी कीमत पर किसानों कर साथ अत्याचार बर्दाश्त नही किया जाएगा। अगर इस घटना तरह की घटना दोबारा हुई तो किसान मंच की ओर से पूरे देश में प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ मुहिम छेड़ी जाएगी।

आज शेखर दीक्षित फाइनेंस कंपनी की ओर से मौत के घाट उतार दिए गए किसान ज्ञानचंद के घर पहुंचे और परिवार को सांत्वना देते हुए उन्हें ढांढस बंधाया। शेखर दीक्षित ने किसान की हत्या के मामले में पुलिस से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं कतई बर्दाश्त नही की जाएंगी। किसानों पर अत्याचार किसी भी हालत में सहन नहीं किया जाएगा।

rashtriya kisan manch shekhar dixit

मामला राजधानी लखनऊ से सटे सीतापुर जिले के राम कलां थाना क्षेत्र के भौरी गाँव का हैं। जहाँ बीते शनिवार को गाँव के एक दलित किसान ज्ञानचंद को रिकवरी एजेंट्स ने पैसे नहीं चुकाने के कारण मौत के घाट उतार दिया। फाइनेंस कंपनी के इन एजेंटों ने किसान की ट्रेक्टर से कुचलकर निर्मम हत्या कर दी।

आपको बता दे कि 45 वर्षीय दलित किसान ज्ञानचंद ने तीन साल पहले एलएंडटी नाक की फाइनेंस कंपनी से पांच लाख रुपए का लोन लेकर ट्रैक्टर खरीदा था। जिसमे उसका अब सिर्फ 30-35 हजार रुपया ही बकाया रह गया था, जिसके एवज में एजेंटों ने इस करतूत को अंजाम दे दिया। शनिवार को किसान ज्ञानचंद अपने खेतों की जुताई कर रहा था, तभी फाइनेंस कंपनी के चार एजेंट खेत पहुँच गए। जिसमें दो सुधीर और अमित नाम के और दो अज्ञात है। एजेंटों ने ज्ञानचंद को बंधक बना लिया।

rashtriya kisan manch shekhar dixit
rashtriya kisan manch shekhar dixit

चश्मदीद राज किशोर उस समय खेत पर ही था उसने बताया कि ज्ञानचंद कागज दिखाकर बकाया पैसों को जमा करने की बात कर रहे थे। ज्ञानचंद ट्रैक्टर नहीं ले जाने की मिन्नत करते रहे तब तक मैंने देखा कि वो ट्रैक्टर के नीचे दबे हैं। राजकिशोर के मुताबिक, जब तक मैं गांव वालों को बुलाने के लिए आया तब तक रिकवरी एजेंट्स ट्रैक्टर लेकर फरार हो गए थे और लाश को वहीं छोड़ दिया था।

किसान ज्ञानचंद की पांच बेटियां है, सबसे छोटी बेटी अभी महज छः माह की है। पुलिस ने इस मामले में लूट और हत्या जैसी धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस की कार्यवाही तो जारी है। लेकिन अभी तक ना तो हत्यारें पकड़ में आये हैं, और ना ही किसान का वो ट्रेक्टर जिसकी वजह से उसकी जान चली गयी।

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें