राष्ट्रीय लोक दल के के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने कहा कि जयंत चौधरी के नेतृत्व में आगरा और बाराबंकी जनपदों में आयोजित विशाल महापंचायतों की सफलता को देखकर वर्तमान किसान विरोधी सरकार तिलमिला रही है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के नेतृत्व में गठित मंत्रिमण्डलीय समिति के माध्यम से एक बार फिर किसानों को धोखा देने का कुचक्र रचने की तैयारी कर रही है।

डाॅ. अहमद ने कहा कि विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि उपरोक्त मंत्रिमण्डलीय समिति अपनी रिपोर्ट के माध्यम से आलू किसानों का मण्डी शुल्क माफ करने और भाड़े पर खर्च होने वाली धनराशि का 25 प्रतिशत सरकार वहन करने का लाॅलीपाप देने की तैयारी कर रही है। जबकि वास्तविकता यह है कि आलू किसानों का मण्डी शुल्क पहले ही माफ है। 25 प्रतिशत भाड़ा प्रदेश सरकार वहन करे और 75 प्रतिशत गरीब लुटा हुआ किसान वहन करे यह कहां का न्याय है? पहले भी केन्द्र और प्रदेश सरकारे किसानों के साथ धोखबाजे करती रही हैं जिसका जीता जागता प्रमाण कर्जे माफ न होना है।

उन्होंने कहा कि किसानों को स्वामी नाथन आयोग के अनुसार लागत मूल्य का डेढ गुना देने का प्रलोभन देने वाली वर्तमान भाजपा सरकारे स्वयं सिद्ध धोखेबाज हैं। विगत वर्ष का 10000 करोड़ गन्ना मूल्य तथा उच्च न्यायालय द्वारा किसानों के पक्श में बकाया ब्याज लगभग 14000 करोड़ रूपया अब तक भुगतान नहीं हुआ है तथा सरकार देने की नीयत भी नहीं रखती है।

रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुये कहा कि राष्ट्रीय लोकदल किसानों के साथ किसी प्रकार के धोखे को बर्दास्त नहीं करेगा और समय समय पर इनकी खोखली योजनाओं और इनके झूठ का पर्दाफाश करता रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि 8 फरवरी से पहले आलू किसानों को जयंत चौधरी द्वारा प्रस्तावित राहत न दी गयी तो राजधानी लखनऊ में आलू किसानों और राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ताओं द्वारा विशाल प्रदर्शन किया जायेगा।

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