दिल्ली से सटे साहिबाबाद स्थित कोयल एन्क्लेव के पास पिछले साल 15 सितंबर की रात पुलिस और बदमाशों के बीच में फर्जी फायरिंग हुई थी। फायरिंग के दौरान गोली लगने से एक कथित एसएसआई घायल हो गया था। इस दौरान जवाबी करवाई में पुलिस की गोली से जो एक बदमाश घायल बताया जा रहा था उसे पकड़कर पहले गोली मारी गई थी। ये हम नहीं बल्कि एनकाउंटर से पहले की तस्वीरों के वायरल होने से पुलिस महकमें की खूब फजीहत करा दी। समाचार चैनलों और सोशल मीडिया पर पुलिस की किरकिरी होने के बाद गाजियाबाद पुलिस ने गुरुवार को प्रेसवार्ता करके स्पष्टीकरण पेश किया है।

एसएसपी गाजियाबाद हरी नारायण सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि वादी ओमपाल सिंह पुत्र प्रीतम सिंह निवासी मकान नंबर 945 न्यू करहैडा कॉलोनी मेन रोड थाना साहिबाबाद द्वारा अपने 11 वर्षीय पुत्र साहिल नागर के अपहरण के संबंध में 7 सितंबर 2017 को मुकदमा अपराध संख्या 2304/17 IPC 263 भादवि बनाम अज्ञात में पंजीकृत कराया गया। स्थानीय पुलिस द्वारा इस मामले में तत्काल कार्यवाही करते हुए 8 सितंबर 2017 की रात्रि में ग्राम खैरा थाना चांदीनगर बागपत के पास गन्ने के खेत व फैलीवेयर रोड के पास से अपहृत साहिल को अभियुक्तगणों के कब्जे से सकुशल बरामद किया गया।

बरामदगी के बाद अपहृत अभियोग में धारा 364ए बढ़ाई गई थी। विवेचना प्रभारी निरीक्षक साहिबाबाद द्वारा ग्रहण की गई।विवेचना के दौरान अभियुक्त सुनील पुत्र जयबीर रोबिन पुत्र विक्रम सिंह निवासीगण ग्राम खैरा थाना चांदीनगर भागवत एवं सोनू पुत्र का निवासी 1/768 रामायण रोहताश नगर दिल्ली के नाम प्रकाश में आए।

15-16 सितंबर की रात में मुखबिर की सूचना पर वरिष्ठ उप निरीक्षक जितेंद्र कुमार सिंह हमराही कर्मचारी के साथ अभियुक्त सुनील रोबिन व सोनू को कोयल एनक्लेव में पुलिस मुठभेड़ के दौरान अभियुक्त सुनील को गोली लगी एवं रोबिन को आवश्यक बल प्रयोग कर गिरफ्तार किया गया। सोनू मौके से भाग गया था। मुठभेड़ के दौरान दरोगा जितेंद्र कुमार सिंह एवं अभियुक्त सुनील को उपचार के लिए जीटीबी अस्पताल दिल्ली रेफर किया गया था।

सुनील एवं रोबिन के न्यायिक अभिरक्षा रिमांड बनवाए गए थे तथा अभियुक्त सोनू को 12 अक्टूबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। विवेचना में गुण दोष के आधार पर आरोप पत्र 2 नवंबर को न्यायालय में दाखिल किया गया। अभियुक्तगण के विरुद्ध थाना साहिबाबाद पर मुकदमा अपराध संख्या 1/2018 धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट बनाम सुनील आदि पंजीकृत किया गया था जो वर्तमान में विवेचनाधीन हैं।

पुलिस ने हुलिया बताकर पेश की सफाई

इस संबंध में एसएसपी ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस घटना के संबंध में विभिन्न WhatsApp ग्रुप इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में खबर प्रसारित की गई कि स्थानीय पुलिस द्वारा इस मुठभेड़ में अभियुक्त रोबिन के हाथ बांधकर गोली मारी गई। जबकि वास्तविकता में अभियुक्त रॉबिन उपरोक्त को आवश्यक बल प्रयोग करके गिरफ्तार किया गया था और गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्त रोबिन के कोई चोट नहीं आई है।

दोनों अभियुक्तों के संबंध में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि सुनील एवं रोबिन दोनों चचेरे भाई हैं। जिसके कारण दोनों के चेहरे लगभग मिलते हैं। घटना के दिन दोनों अभियुक्तों ने एक ही रंग की टी शर्ट पहनी हुई थी। वास्तविकता में दोनों फोटो में अभियुक्त रोबिन की टीशर्ट पर नाइक कंपनी जैसा लोगों एवं पैंट पर बेल्ट बंधी हुई है। 17 सितंबर 2017 को समाचार पत्रों में प्रकाशित अभियुक्तों के कपड़े भी रोबिन की टीशर्ट परनाई की कंपनी का लोगो लगा हुआ है और समाचार और अभियुक्त रोबिन के कोई चोट नहीं है। अभियुक्त सुनील के गोली लगने एवं उपचाराधीन होने के फलस्वरुप पुलिस द्वारा की गई प्रेस वार्ता में अभियुक्त उपस्थित नहीं हो सका। जिसके कारण यह भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है। प्रकाशित फोटो में इस उक्त घटना के संबंध में WhatsApp ग्रुप समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रामीण तथ्यों के आधार पर इस घटना को प्रसारित किया गया है।

पुलिस ने ये घटनाक्रम बताकर लूटी थी वाहवाही

पुलिस के मुताबिक, 15 सितंबर 2017 को साहिबाबाद के भोपुरा तिराहे पर शुक्रवार रात करीब 12 बजे पुलिस जांच कर रही थी। इसी दौरान दिल्ली की ओर से एक अपाचे बाइक पर सवार तीन युवक आते दिखे। पुलिस ने उन्हें रोका, तो बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। बदमाशों की गोली से साहिबाबाद थाने के एसएसआई जितेंद्र के हाथ मे गोली लगने से घायल हो गए। पुलिस ने बदमाशों को पीछा किया।

कोयल एन्क्लेव में बताई थी मुठभेड़

इस दौरान कोयल एन्क्लेव के पास पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। पुलिस की गोली से बागपत निवासी सुनील घायल हो गया। सुनील के पैर में गोली लगी। पुलिस ने घेराबंदी कर सुनील और बागपत निवासी उसके साथी रॉबिन को गिरफ्तार कर लिया। जबकि तीसरा बदमाश सोनू पुलिस को चकमा देकर मौके से फरार हो गया। एएसपी ने बताया कि बदमाशों ने राजेंद्र नगर से छठी कक्षा के छात्र का अपहरण किया था।

वायरल तस्वीरें बता रहीं फर्जी एनकाउंटर

इस एनकाउंटर ने उत्तर प्रदेश पुलिस के छबि पर एक और धब्बा लगा दिया। अभी हाल ही में ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर करके विभाग की खूब फजीहत कराई थी। इस एनकाउंटर ने पुलिस के काले कारनामों को खोल दिया। दरअसल तस्वीरों में साफ तौर पर दिख रहा है कि पुलिस ने बदमाश के पहले हाथ पीछे बांधे इसके बाद उसके पैर में गोली मारी गई। जबकि पुलिस मनगढंत कहानी मीडिया को बताकर खूब सुर्खियां बटोरी थी। अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या इन दोषी पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई होगी या नहीं। फोटो के साथ खबरें वायरल होने के बाद गाजियाबाद पुलिस के होश उड़े हुए हैं।

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Web Title : ssp clarified koyal enclave encounter during press conference
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