एससी एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. बीते दिन हुए दलितों के उग्र आन्दोलन के बाद कोर्ट ने इस मामले में शीघ्र सुनवाई के लिए हामी भरी थी. जिसके बाद अज 2 बजे से खुली अदालत में सुनवाई हो रही है. पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि वह एक्ट के खिलाफ नहीं हैं पर निर्दोष को सजा नही मिलनी चाहिए. 

अगली सुनवाई 10 दिन बाद:

सुप्रीम कोर्ट के एससीएसटी एक्ट पर आये फैसले पर भाजपा ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी. इस याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट एक्ट के खिलाफ नही है. बीते दिन हुए दंगो पर एससी ने कहा कि जो लोग कल सड़को पर उतरे थे, उन्होंने कोर्ट का जजमेंट पढ़ा भी नही, हमें जेल में बंद निर्दोषों की चिंता है.

बता दें कि इस मामले को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करते हुए मामले की जल्द सुनवाई की अपील की थी. सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश संविधान के अनुच्छेद 21 में अनुसूचित जाति, जनजाति को मिले अधिकारों का उल्लंघन करता है.

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने भी मांग की थी कि इस मामले की तत्काल सुनवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा था कि भारत बंद के दौरान हिंसा में करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है. हालात बहुत कठिन बने हुए है, इसलिए मामले की जल्द सुनवाई होनी चाहिए. जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने दोपहर 2 बजे सुनवाई का वक्त निर्धारित किया. अटॉर्नी जनरल ने कहा, यह एक आपातकालीन स्थिति है क्योंकि बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है.

ध्यान देने वाली बात है कि दलित आन्दोलन से बैकफुट में आई केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर फैसले पर स्टे की मांग कर रही है. कोर्ट ने अपने फैसले पर स्टे देने से इनकार कर दिया है. खुली अदालत में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट प्रोविजन में कोई छेड़छाड़ नही की गयी है.

 

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