उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के खत्म हुए लगभग 1 साल हो चुका है। समाजवादी पार्टी में गृहयुद्ध उसी दौरान शुरू हुआ था जो आज तक पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। अखिलेश यादव के सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद से शिवपाल यादव पूरी तरह हाशिये पर चले गए हैं। हालाँकि इस बार होली दोनों ने साथ में सैफई में मनाई थी जिसके बाद से शिवपाल ने अखिलेश पर ज़ुबानी हमला करना बंद कर दिया है। मगर अखिलेश से सुलह न होने की स्थिति ने शिवपाल ने अपनी अलग सेना बनानी शुरू कर दी है जिसके अब 1 लाख से ज्यादा सदस्य हो चुके हैं।

शिवपाल ने बनाई नयी सेना :

सपा नेता शिवपाल यादव की सेना इटावा से लेकर कानपुर सहित प्रदेश के 46 जिलों में फैल चुकी है। ये लोग शिवपाल के जमीनी कार्यकर्ता हैं और पिछले कई सालों से इनके लिए कार्य करते आ रहे हैं। 2017 विधानसभा चुनाव के वक्त अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल से पद छीन लिया, तभी से शिवपाल यादव फैंस एसोसिएशन अपने असली रूप में आया और उन लोगों ने शिवपाल यादव के लिए गांव, गली, मोहल्लों और बूथों में दस्तक देनी शुरू कर दी है। कानपुर में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए शिवपाल यादव अपने फौज के कमांडरों के साथ गुप्त बैठक की और 2019 में बेइमानों से लड़ने का ऐलान किया। अपने इस भाषण में शिवपाल यादव ने एक बार भी समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव का जिक्र नहीं किया।

46 जिलों में पहुंचा संगठन :

शिवपाल यादव फैंस क्लब की कानपुर से शुरुआत करने वाले प्रदेशाध्यक्ष आशीष चौबे ने बताया कि ये संगठन अब 46 जिलों में पहुंच चुका है। इसके लगभग 1 लाख सदस्य हो चुके हैं। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि शिवपाल यादव को हम अपना नेता मानते हैं और उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। आने वाले वक्त में वह जो फैसला करेंगे हम उसके साथ खड़े नजर आएंगे। समाजवादी पार्टी में अब जमीनी कार्यकर्ताओं के बजाए चापलूसों की सुनी जाती है। आशीष चौबे ने बताया कि 29 जिलों में तेजी से कार्यकर्ताओं को शिवपाल फैन्स एसोसिएशन के बैनर में जोड़ा जा रहा है।

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