जो लोग घर में एसी का तापमान 24-28 डिग्री सेल्सियस के बीच रखते हैं उनके यहां डेंगू मच्‍छर के होने का खतरा सबसे ज्‍यादा बढ़ जाता है. मौसम जानकारों की मानें तो यह तापमान मच्‍छरों के प्रजनन में सबसे ज्‍यादा सहायक होता है.

मादा एडीज मच्छरों के काटने से डेंगू रोग होता है:

वेक्टर जनित रोगों अर्थात मलेरिया, डेंगू, काला-ज़ार, जापानी इन्सेफलाइटिस और चिकुनगुनिया से संबंधित मच्‍छर बाहर प्रजनन करते हैं जबकि डेंगू  से संबंधित मच्‍छर का प्रजनन डिब्‍बों में होता है. अगर डिब्‍बे का तापमान 24-28 डिग्री सेल्सियस के बीच है तो तब डेंगू के एडीज मच्‍छर का प्रजनन आसानी से होता है. यह तापमान एडीज मच्‍छरों के न सिर्फ प्रजनन बल्कि उनके सर्वाइवल के लिए भी उपयुक्‍त है.

इन्सेफ़्लाइटिस से डेंगू जितनी जानलेवा बीमारी का खतरा:

घर के अंदर और बाहर का तापमान डेंगू और मलेरिया के मच्‍छरों के प्रजनन के विश्‍लेषण के लिए सबसे उपयुक्‍त है. मलेरिया, डेंगू, इन्सेफलाइटिस सहित कई बीमारियां हैं जो मच्छरों के काटने से होती हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर साल मच्छरों के काटने से होने वाले रोगों से तकरीबन 10 लाख लोगों की जान चली जाती है.

वैज्ञानिकों ने बनाई और्वेदिक दवाएं:

वैज्ञानिकों ने डेंगू की आयुर्वेदिक दवाई विकसित की है. इनका दावा है कि डेंगू के इलाज की यह अपने तरह की पहली दवाई है. अगले साल से यह दवाई बाजार में मरीजों के लिए उपलब्ध हो जाएगी. यह दवाई सात ऐसी जड़ी-बूटियों से बनाई गई है, जिसका इस्तेमाल आयुर्वेद में सदियों से होता आ रहा है.

मच्छर के काटने से होने वाली बीमारियाँ:

एनाफिलीज मच्छरों के काटने से मलेरिया होता है. इसमें बुखार, सिरदर्द और उल्टी की शिकायत हो जाती है. वहीं मादा एडीज मच्छरों के काटने से डेंगू रोग होता है. इसमें तेज बुखार, सिरदर्द, हडि्डयों और मांसपेशियों में दर्द, नाक और गले से खून आना जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं. यह सबसे घातक बीमारी है.

चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है. एडीज एजिप्टी तथा एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों के संक्रमण से यह बीमारी होती है. इसमें तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द आदि लक्षण दिखाई देते हैं.

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