उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव काफी दिलचस्प होता जा रहा है। इस उपचुनाव में विपक्षी दल गठबंधन के तहत साझा प्रत्याशी उतारना चाहते हैं मगर सपा ने इस सीट पर अपने दावे से राष्ट्रीय लोक दल की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। रालोद ने काफी समय पहले ही जयंत चौधरी को कैराना से प्रत्याशी बनाने का फैसला किया था। सपा के इस फैसले से विपक्षी एकता को नुकसान होना तय था। इसी कारण रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी खुद लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे मगर इस मीटिंग में सपा ने कैराना में अपना दावा बनाये रखा है। अब कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा सीट को लेकर सपा ने रालोद के साथ समझौता किया है।

रालोद के सिम्बल पर लड़ेंगी सपा प्रत्याशी :

जयंत चौधरी की सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मीटिंग के बाद साफ़ हो गया है कि कैराना लोकसभा उपचुनाव में राष्ट्रीय लोक दल भाजपा के खिलाफ उतरेगा। सपा ने अपना समर्थन रालोद को देते हुए शर्त रखी थी कि प्रत्याशी उसकी पार्टी से होना चाहिए जिसे रालोद ने मान लिया है। अब कैराना लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी तबस्सुम हसन रालोद के सिम्बल पर चुनाव लड़ेंगी। इसका अर्थ है कि प्रत्याशी समाजवादी पार्टी का होगा और चुनाव चिन्ह इस उपचुनाव में राष्ट्रीय लोक दल का होगा। गठबंधन के कोटे के तहत सपा ने ये सीट रालोद को दी है।

 

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नूरपुर से लड़ेगी सपा :

लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी की बैठक के बाद कैराना और नूरपुर उपचुनावों में विपक्ष के प्रत्याशी के नामों का फैसला हो गया है। कैराना लोकसभा सीट सपा ने रालोद को देते हुए अपना प्रत्याशी खड़ा किया है। यहाँ से सपा की तबस्सुम हसन रालोद कैंडिडेट के तौर पर अपना नामांकन करेंगी। इसके अलावा नूरपुर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी उपचुनाव लड़ेगी। यहाँ से समाजवादी पार्टी के नईमुल हसन प्रत्याशी होंगे। इस तरह उपचुनावों के लिए सपा-आरएलडी के बीच महागठबंधन तय हो गया है। अब सभी की नजर भाजपा के प्रत्याशियों पर टिकी हुई है जिसकी अभी तक घोषणा नहीं हुई है।

 

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