2019 के लोकसभा चुनावों के लिए सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। भाजपा जहाँ सत्ता में वापसी के लिए अभी से जुट गयी है तो वहीँ विपक्षी पार्टियों ने अपने नेताओं को सक्रिय करते हुए पार्टी में बड़ी भूमिका देने की तैयारी कर ली है। बीते दिनों में कई बड़े नेताओं ने बसपा और सपा की सदस्यता ली है जिससे भाजपा को भी जमीनी स्तर पर काफी झटका लगा है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद पर रह चुके एक और नेता ने अपनी पार्टी में वापसी की है जिससे भाजपा को बड़ा झटका लगा है।

पूर्व मंत्री ने बसपा में की वापसी :

बसपा सरकार में पर्यटन राज्यमंत्री रहे विनोद सिंह की घर वापसी हो गई है। उनकी बसपा में फिर से इंट्री सुल्तानपुर के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश गौतम के अनुरोध पर हुई है। कहा जा रहा है कि जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश गौतम ने बसपा सुप्रीमो मायावती को पत्र लिखकर पूर्व मंत्री को पार्टी में फिर से शामिल करने का अनुरोध किया था। इसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोच कर अपने फैसले को वापस लेते हुए पार्टी में उनकी इंट्री को अपनी मंजूरी दे दी है। इसके बाद जोनल कोऑर्डिनेटर और एमएलसी दिनेश चन्द्रा ने पूर्व मंत्री विनोद सिंह की बसपा में घर वापसी की आधिकारिक घोषणा की। हालांकि पूर्व मंत्री विनोद सिंह की तरफ से अभी तक इस मामले को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। एक समय में विनोद सिंह को मायावती के सबसे करीबीयों में माना जाने लगा था।

मायावती ने किया था निष्कासित :

एक समय ऐसा भी था कि जब विनोद सिंह को बसपा सुप्रीमो मायावती के सबसे खास में गिना जाता था। लेकिन 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में सुल्तानपुर जिले में बसपा का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। इसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती अपने ख़ास पूर्व मंत्री विनोद सिंह से नाराज हो गयी थीं। उस दौरान पूर्व मंत्री को नसीमुद्दीन सिद्दीकी के कैम्प का माना जाता था। यही कारण था कि बसपा सुप्रीमों ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था। पार्टी से निकाले जाने के बाद पूर्व मंत्री विनोद सिंह ने भाजपा सहित अन्य दलों में जाने की कोशिश की लेकिन किसी दल में बात न बन पाने के कारण वह सही समय का इंतजार करते रहे थे।

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