स्वच्छ भारत मिशन के तहत केंद्र सरकार करोड़ों रुपया शौचालय निर्माण पर खर्च कर रही है। लेकिन गाजीपुर में शौचालय निर्माण में बड़ा घोटाला सामने आया है। यहाँ जिला के मरदह ब्लाक के गांव डोड़सर गांव में 535 शौचालयों के निर्माण के लिए 64 लाख रुपया रिलीज हुआ था। लेकिन यहां के ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी ने शौचालयों को कागजों में बनवाकर 50 लाख से ऊपर का घोटाला कर डाला। अब जिला प्रशासन इसकी जांच करायी है और जिलाधिकारी के निर्देश पर मुकदमा दर्ज कर 50 लाख के रिकवरी की कार्रवाई की जा रही है। आधे पैसे की रिकवरी ग्राम प्रधान और आधे पैसे की रिकवरी सचिव से की जायेगी।

गाजीपुर के मरदह ब्लाक का यह ड़ोड़सर ग्राम सभा है। यहां पर रामबली यादव जिनका स्वयं और उनके परिवार का पिछले 4 बार से ग्राम प्रधान के पद पर कब्जा है। सपा सरकार में इस गांव को लोहिया गांव के अंतर्गत चयनित किया गया था। इस गांव के विकास के लिए सरकारी धन की बरसात हुई। लेकिन यहां के ग्राम प्रधान ने उस धन से गांव के विकास के बजाय अपना विकास कर डाला इस गांव में अनेकों योजनाओं में धन आए। जो भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय बनाने के पैसे आए उन पैसों का जमकर बंदरबांट किया गया।

शौचालयों का प्रयोग कपड़ा बदलने के लिए कर रही महिलाएं

गांव वालों की शिकायत पर जांच हुई। जांच में लगभग 50 लाख से ऊपर का गबन सिद्ध हुआ। इस बात की पड़ताल मीडिया ने जब किया तो शौचालयों की जो स्थिति थी वह काफी चौंकाने वाला था। इस गांव के शौचालय जिसमें लोगों को शौच के लिए जाना चाहिए था। उस शौचालय में ग्रामीण उपले अनाज और अन्य सामान रखे हुए हैं। हद तो तब हो गई जब एक शौचालय ऐसा देखने को मिला जिसमें लोग शौच के बजाय वहां की महिलाएं और युवतियां नहाने के बाद कपड़ा चेंज करने के लिए प्रयोग करती हैं। आखिर ऐसा शौचालयों का हाल क्यों है इसके बारे में जब ग्रामीणों से जानना चाहा तो उनका कहना है कि या तो शौचालय बना ही नही या जो बना भी है वो प्रयोग करने लायक नही है।

जिलाधिकारी ने स्वीकारी घोटाले की बात

इस प्रकरण पर जब हमने ग्राम प्रधान से लगातार संपर्क स्थापित करना चाहा तो ग्राम प्रधान ने कुछ भी कहने से मना कर दिया। इस मामले पर डीपीआरओ लाल जी दूबे ने बताया कि इस गांव के लिए 535 शौचालयों के लिए 64 लाख रुपये रिलीज किया गया था। लेकिन जब जांच टीम मौके पर पहुंची तो वहां मात्र 152 शौचालय ही मिले जो अपूर्ण या घटिया निर्माण के थे। वहीं 339 शौचालय जांच टीम को मिला ही नही जिनका पैसा फर्जी तरीके से उतारा गया है। पूरी जांच के बाद ग्राम प्रधान और और सचिव की मिलीभगत से 50 लाख रुपए गबन का मामला सामने आया है जिसको लेकर मुकदमा दर्ज कराने की कार्यवाही की जा रही है। वही जिलाधिकारी के बाला जी ने बताया कि शौचालय में गबन का मामला सामने आया है। ग्राम प्रधान और सचिव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रिकवरी की कार्रवाई की जा रही है।

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