उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के पहले बड़े-बड़े दावे किये जा रहे थे। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने किसानों को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था और जनता से प्रचंड बहुमत हासिल कर सत्ता में वापसी की थी। लेकिन कई जगहों पर नजारा योगी सरकार के दावों के बिलकुल विपरीत दिखाई दे रहा है। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के गृहनगर सैफई में भी किसानों की हालत काफी दयनीय है जिसके बारे में आज आपको विस्तार से बताया जाएगा।

कई दिनों से गेँहू की खरीद है बंद :

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के गृहनगर सैफई और उसके आसपास में बारदाना का अभाव कह कर गेंहू की खरीद नहीं की जा रही है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद भी समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत सैफई और हेंवरा गाँव में किसानों का गेंहू नहीं खरीदा जा रहा है। किसान खुले में अपना अनाज पलटकर वापस लौटने को मजबूर हो रहे हैं। कई दिन से यहां पर किसानों के गेहूं की खरीद बंद है। इस पर हेंवरा किसान सेवा सहकारी समिति के सचिव विपिन कुमार ने कहा कि उनके पास बारदाना का अभाव है और बिना बारदाना के वे किसी का गेंहूं नहीं खरीद सकते हैं। पिछले दिनों हुई बैठक में सहमति बनी थी कि पीसीएफ समितियों को समय से बारदाना उपलब्ध करायेगा मगर इसके बाबजूद बारदाना नहीं उपलब्ध कराये जाने के कारण गेंहूं नहीं खरीदा जा रहा है।

 

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बुरी है अखिलेश के गृहनगर की स्थिति :

हेंवरा गाँव के किसानों ने बताया कि समिति पर कुछ किसानों ने खेतों से गेंहूं काटने के बाद पहुंचा दिया गया है लेकिन फिर भी उसे सचिव द्वारा तौलवाया नहीं जा रहा है। इसके परिणाम स्वरूप किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पैतृक गांव सैफई की सोसायटी को भी प्रशासन ने समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत किसानों का गेंहू सरकारी दर पर खरीदने के लिये केंद्र बनाया गया है लेकिन वहां भी गेंहूं की खरीद बारदाना के अभाव में कई दिन से बंद है। देखना है कि अखिलेश के गृहनगर में किसानों की स्थिति पहले जैसी कब तक होती है।

 

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