सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सरकारी आवासों में रह रहे पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास छोड़ना पड़ेगा। जिसके बाद इसका सीधा प्रभाव मायावती, अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव के साथ-साथ एनडी तिवारी, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह को भी सरकारी आवास छोड़ना पड़ेगा। इस मामले को लेकर अभी तक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है मगर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर अब समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव काफी नाराज हो गए थे। अपना सरकारी बँगला बचाने के लिए मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए हैं। इसे देखते हुए एक और पूर्व सीएम ने अब बंगला खाली करने के लिए समय की मांग की है।

मुलायम-अखिलेश पहुंचे सुप्रीम कोर्ट :

सुप्रीम कोर्ट के सरकारी बंगला खाली करने के आदेश के खिलाफ उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। मुलायम ने अपनी बढ़ती उम्र और कमजोरी का हवाला देते हुए सरकारी बंगले में रहने की छूट मांगी है। उन्‍होंने कहा कि बंगला खाली करने और नई जगह शिफ्ट होने के लिए उन्‍हें दो साल का वक्‍त दिया जाए। इसके अलावा अखिलेश यादव ने भी अपनी Z+ श्रेणी की सुरक्षा का हवा देते हुए 2 साल की छूट माँगी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक उनकी याचिका को मंजूर नहीं किया है। इसके पहले मुलायम सिंह बंगला बचाने के लिए 17 मई को उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से मुलाकात कर चुके हैं।

 

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अब ND तिवारी ने माँगा समय :

सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद मायावती और अखिलेश-मुलायम बँगला खाली करने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। बसपा सुप्रीमों मायावती ने भी अपने सरकारी बंगले को कांशीराम विश्राम स्थल घोषित कर दिया है। इसके अलावा अखिलेश-मुलायम बँगला न खाली करने की इच्छा लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए हैं। इसे देखते हुए अब यूपी-उत्तराखंड के पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी की पत्नी उज्जवला ने सीएम योगी को पत्र लिखकर आवास खाली करने के लिए समय माँगा है। उन्होंने पत्र में पूर्व सीएम के स्वास्थ्य और स्थिति का हवाला देते हुए 1 साल का समय माँगा है। हालाँकि अभी तक इस मामले में सीएम योगी की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है।

 

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