राजधानी लखनऊ में तन्वी सेठ के पासपोर्ट मामले में लखनऊ पुलिस और एलआईयू की एक टीम तन्वी सेठ के लखनऊ स्थित आवास पर सत्यापन के लिए पहुंची. जहाँ से उन्होंने जानकारी मिली की तन्वी सेठ लखनऊ में नहीं रहती हैं. बता दें कि तन्वी सेठ ने अपने पासपोर्ट आवेदन के लिए लखनऊ का पता दिया था. उनके नाम के साथ ही उनके आवासीय पते को लेकर भी आवेदन में खामियां हैं. 

तन्वी सेठ के हिन्दू-मुस्लिम नाम के मुद्दे में भले ही पासपोर्ट अधिकारी का तबादला कर दंपति को पासपोर्ट जारी कर दिया गया हो लेकिन अब मामला उनके पते पर आकर अटक गया हैं.

लखनऊ पते पर पहुंची पुलिस:

तन्वी सेठ के पासपोर्ट की जांच के लिए पुलिस और स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) के लोग कैसरबाग स्थित उनके ससुराल पहुंचे.  पुलिस को तन्वी के लखनऊ में रहने से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं मिले. क्योंकि तन्वी ने पासपोर्ट में लखनऊ का पता दिया हैं.

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कैसरबाग स्थित पते पर पहुंचकर पुलिस ने दो घंटे तन्वी के ससुरालवालों से बातचीत की, जिसमें तन्वी ने हाल के दिनों में लखनऊ में लंबे समय तक रहने का कोई सबूत नहीं मिला.

जांच टीम ने ससुरालवालों से तन्वी के यहां रहने के दस्तावेज मांगे, लेकिन वो कुछ भी नहीं दे सके. कोई साक्ष्य न मिलने पर तन्वी का पासपोर्ट अटक सकता है. हालांकि, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार का कहना है कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है.

तन्वी ने पासपोर्ट के आवेदन में जो डिटेल दिया गया है, उसके मुताबिक वह गोंडा में जन्मी हैं और कैसरबाग में नाज सिनेमाहॉल के पास चिकवाली गली झाऊलाल बाजार में रहने वाले अनस से उन्होंने शादी की है. उन्होंने अपने आवेदन में नोएडा में रहने की बात भी लिखी है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मुताबिक गोंडा से जांच करा ली गई है.

क्या है नियम:

पासपोर्ट अधिनियम के मुताबिक आवेदक जो पता लिख रहा है, उस पर एक साल रहना जरूरी है. तन्वी ने कैसरबाग स्थित ससुराल का पता दिया है. लेकिन वह एक साल से वहां नहीं रह रही हैं, यह आधार उनका पासपोर्ट खारिज करने के लिए पर्याप्त है.

यही नहीं, तन्वी की तरफ से पासपोर्ट आवेदन में अगर कोई जानकारी गलत पाई गई, तो उनके खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम के तहत प्राथमिकी भी दर्ज हो सकती है. हालांकि पुलिस अभी जांच का हवाला दे रही है.

क्या हैं मामला:

तन्वी को अपने परिवार के साथ विदेश जाना है. जिसके लिए वे अपना पासपोर्ट बनवाना चाहती हैं. 19 जून को अपने पति अनस सिद्दीकी के साथ उन्होंने फॉर्म भर कर जमा किया था और अगले दिन ही उन्हें पासपोर्ट ऑफिस से इंटरव्यू के लिए बुलावा आया.

वहां उनसे पूछा गया, ”आपके साथ तो प्रॉब्लम है. आपने मुस्लिम से शादी की है तो आपका नाम तन्वी सेठ कैसे हो सकता है? यह आपकी ड्यूटी है, आप अपना नाम बदलवायें.”

जिसके बाद तन्वी सेठ ने सुषमा स्वराज को ट्वीट कर कार्रवाई करने की मांग की. इतना ही नहीं उनके पति अनस सिद्दीक़ी ने भी आरोप लगाया कि पासपोर्ट अधिकारी में उनसे अपना धर्म परिवर्तन करवा लेने को कहा.  इतना ही नहीं दंपति ने शिकायती मेल भी भेजा.

महिला के आरोप के बाद अधिकारी विकास मिश्रा का ना केवल तबादला कर दिया गया बल्कि उनको कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया हैं. वहीं तन्वी सेठ और उनके पति को आनन फानन में पासपोर्ट जारी कर दिया गया था.

मुस्लिम-हिंदू दंपति के पासपोर्ट विवाद की सच्चाई

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