राजधानी लखनऊ में एक नव विवाहित महिला ने अपने पति पर हनीमून के बहाने मुंबई ले जाकर बेचने का आरोप लगाया है। महिला का आरोप है कि उसके पति ने दूसरे लड़कों के साथ उसे सोने को कहा। इसका विरोध करने पर पति ने उसे जानवरों की तरह पीटा।आरोप है कि पति उसके गहने, पैसे, कपड़े, जरुरी कागजात, चेकबुक सहित सारा सामान लेकर दूसरी महिला मित्र के साथ गोवा चला गया। पीड़िता का आरोप है कि पति की मां लखनऊ पब्लिक स्कूल (एलपीएस) वृंदावन योजना पीजीआई में टीचर है। जो अपने पति के साथ कई परिवारों को अपने जाल में फंसाकर धोखे से शादी करके दहेज की मांग करता है।

आरोपी पति एक बार जेल भी जा चुका है। आरोप है कि शिक्षिका का परिवार भोली भाली लड़कियों को अपने जाल में फंसाकर कई लोगों की जिंदगी बर्बाद कर चुका है। पीड़िता ने इस संबंध में अपर पुलिस अधीक्षक लखनऊ जोन से न्याय की गुहार लगाई और लिखित तहरीर दी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी ससुराल वालों के खिलाफ महिला थाना और मड़ियांव थाने में दहेज उत्पीड़न और मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है। पीड़िता का कहना है कि उसे और उसके घरवालों को जान का खतरा है इसलिए उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाये।

पीड़िता का कहना है वह अपने लिए तो न्याय की लड़ाई लड़ रही है लेकिन उन लड़कियों के लिए न्याय के लिए लड़ रही है जिनकी इस परिवार ने जिंदगी ख़राब कर दी। पीड़िता का कहना है कि एक हैवान पति के चंगुल में कई लड़कियां फंसी हैं शायद उसके द्वारा आवाज उठाने से कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद होने से बच जाये। क्योंकि लड़कियों के परिवार वालों को अपनी चकाचौंध भरी जिंदगी दिखाकर पूरा परिवार दूसरों की जिंदगी बर्बाद करने का धंधा कर रहा है।

अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ जोन को दिए गए शिकायत पत्र के अनुसार, पीड़िता ने 22 नवंबर 2017 को आर्य समाज पुरनिया थाना अलीगंज में प्रेम विवाह किया था। ये प्यार महज एक माह का ही था। दिनांक 4 फरवरी 2018 को पीड़िता का विवाह पंजाबी रीति रिवाज के साथ गुरुद्वारे में पति परनदीप सिंह सभी परिवार वालों की उपस्थिति में सबकी मर्जी से हुआ था। विवाह में पीड़िता के घरवालों के द्वारा लगभग 20 लाख रुपए खर्चा किए गए। ससुराल पक्ष की सभी मांगों को पूरा किया गया।

पीड़िता का कहना है कि उसके पिता का स्वर्गवास हो चुका है। इसलिए उसकी माता व छोटे भाई के द्वारा विवाह का सारा खर्चा उठाया गया। विवाह में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रखी गई। विवाह के दो-तीन दिन बाद ही पीड़िता का पति परनदीप सिंह कालरा, ससुर इंद्रमोहन सिंह कालरा व सास मंजीत सिंह कालरा ने दहेज में 7 लाख रुपये और एक चार पहिया वाहन की मांग की। पीड़िता द्वारा असमर्थता जताई गई। जिससे नाराज होकर पति सास और ससुर ने उसे मारा पीटा और उसके घरवालों को गालियां दी।

पीड़िता का कहना है कि वह एक रेस्टोरेंट गोमती नगर में चलाती थी। जिसको ससुराल के तीनों लोगों ने पैसे के लालच में दबाव बनाकर बेच दिया। सारा पैसा तीनों लोगों के द्वारा रख लिया गया। पीड़िता के पति सास व ससुर के द्वारा हर छोटी बात पर पीड़िता को जानवर की तरह मारा पीटा जाता था। उसके घरवालों को गंदी-गंदी गालियां दी जाती थी। आए दिन उसे और उसकी मां को भद्दी भद्दी गालियां दी जाती थी। अप्रैल 2018 को तीनों लोगों द्वारा पीड़िता को उसके ससुराल से निकाल दिया। आरोप है कि ससुराल वालों ने कहा कि अपनी मां से जाकर पैसा लाओ।

पीड़िता ने जाकर सारी बात अपनी मां से बताई। मां ने पीड़िता को समझाया व सब से बात करके सारे मामले को सही करने की बात कही। 20 अप्रैल 2018 को पीड़िता के पति व ससुर के घर आए और पैसों की मांग की मांग पूरी नहीं होने पर उसकी मां को गालियां देने लगे। मां के द्वारा 100 नंबर डायल करके पुलिस बुलाई गई। पति को रात भर थाने में भी रखा गया और लिखित माफी मंगवाई गई। इतना सब होने के बाद भी पीड़िता अपनी शादी को बचाने का पूरा प्रयास कर रही थी और इन सब लोगों को एक और मौका दिया।

पीड़िता का आरोप है कि उसका पति 12 मई 2018 को मुंबई हनीमून के लिए कहकर ले गया। मुंबई जाने के बाद उल्टा के पति के द्वारा उसको बहुत मारा पीटा गया और पीड़िता के साथ गलत हरकत करने लगा। इसका विरोध पीड़िता ने किया। आरोप है कि पति परनदीप के द्वारा उसे दूसरे लड़कों के हाथ बेचकर उनके साथ सोने के लिए कहा गया। जिसका पीड़िता ने विरोध किया तो पति ने बहुत मारा पीटा। आरोप है कि पति उसे मुंबई में बेच कर दूसरी लड़की के साथ गोवा चला गया।

पीड़िता के कपड़ों को चाकू से काट दिया गया। किसी तरह जान बचाकर कमरे से भाग निकली और आसपास के लोगों की मदद मांगने की कोशिश की। परंतु किसी ने मदद नहीं की। अपने कमरे में पहुंची तो वहां से पति सारा सामान लेकर निकल चुका था। आरोप है कि पति सारे जरूरी कागजात, साइन किए हुए चेक, ज्वेलरी, 2 लाख की नगदी, आईकार्ड भी साथ लेकर चला गया। पीड़िता 15 दिन तक बिना किसी सामान के मुंबई में रही। लेकिन ससुराल वालों ने पीड़िता की सूचना लेने की जरूरत नहीं समझी।

पीड़िता किसी तरह अपने घर वापस आई और अपर पुलिस अधीक्षक लखनऊ जोन से मिलकर पूरी बात बताई। पीड़िता की शिकायत के आधार पर महिला थाना में पति परनदीप सिंह कालरा, ससुर इंद्रमोहन सिंह कालरा और सास मंजीत सिंह कालरा के खिलाफ दहेज प्रतिषेध अधिनियम 3/4 498 ए, 323, 504 के तहत मुकदमा 3 जुलाई को पंजीकृत किया गया। एक मुकदमा इन्हीं धाराओं में मड़ियांव थाने में भी इसी दिन दर्ज हुआ है।

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