उत्तर प्रदेश में रविवार 15 जुलाई से 50 माइक्रोन तक की पतली पॉलीथिन प्रतिबंधित कर दी गई है। पहले चरण में नगरीय निकाय क्षेत्रों यानी शहरों में इसमें प्रतिबंध लगाया गया है। पॉलीथिन के निर्माण, बिक्री, भंडारण व आयात-निर्यात पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। नगर विकास विभाग ने अधिनियम में जरूरी संशोधन के लिए अध्यादेश तैयार कर लिया है। इसे कैबिनेट बाई सकरुलेशन से मंजूरी भी मिल गई है। अब राज्यपाल के हस्ताक्षर रह गए हैं। इस कारण इसके आदेश शनिवार को जारी नहीं हो सका। राज्यपाल द्वारा अध्यादेश को मंजूरी देते ही रविवार को आदेश जारी हो जायेगा।

50 माइक्रान से कम की पॉलीथिन का इस्तेमाल रविवार से प्रतिबंधित होगा। अगर कोई भी इसका इस्तेमाल या फिर बिक्री करता पाया गया तो उसे जुर्माना भरना पड़ेगा। प्रशासन ने प्रतिबंध का शतप्रतिशत पालन कराने के लिए कमर कस ली है। प्रतिबंध की निगरानी के लिए संयुक्त टीमें बनाई गई हैं। इसके साथ ही प्रशासन ने वाट्सएप नंबर भी जारी किए हैं। डीएम कौशल राज शर्मा के मुताबिक शनिवार रात 12 बजे के बाद से 50 माइक्रॉन से नीचे प्लास्टिक पॉलीथिन का उत्पादन एवं निर्माण पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं, जो अपने इलाकों में प्रतिबंध लगाने के लिए अभियान चलाएंगी। इसके अलावा दुकान, गोदाम और कारखानों की जांच करेंगी।

स्कूलों में पॉलीथिन नहीं, बच्चे निकालेंगे रैली, वाट्सएप पर भी दें सूचना

बीएसए ने स्कूलों में पॉलीथिन बैग के इस्तेमाल पर रोक लगाने के साथ बच्चों के माध्यम से जागरूकता रैली का भी आयोजन किए जाने के निर्देश दिए। शहर के विभिन्न इलाकों में सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चे जागरूकता अभियान चलाएंगे। बच्चे पोस्टरों पर स्लोगन और चित्र बनाकर लोगों को इसका इस्तेमाल नहीं करने के बारे में जागरूक करेंगे। अगर कोई भी पॉलीथिन की बिक्री कर रहा तो उसकी पिक्चर मोबाइल पर खींचिए और तत्काल प्रशासन द्वारा जारी नंबरों पर भेज दीजिए। अगर सूचना सही हुई तो तत्काल एक्शन लिया जाएगा। नगर निगम के वार रूम में इन नंबरों के माध्यम से पिक्चर की लोकेशन पर टीम भेजी जाएगी।

➡केमिस्ट एसोसिएशन ने दवा कारोबारियों से पॉलीथिन में दवा नहीं देने को कहा गया है। शहर में करीब 2800 फुटकर व 1800 थोक दवा की दुकाने हैं।
➡पॉलीथिन का इस्तेमाल शहर के किसी भी अस्पताल या नर्सिग होम में नहीं होगा। डीएम ने सीएमओ को इस बाबत स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
➡लखनऊ के सभी व्यापारियों ने पॉलीथिन पर प्रतिबंध का समर्थन किया है। व्यापारियों ने रविवार से इसका इस्तेमाल नहीं करने की शपथ ली है।
➡मल्टीप्लेक्स और सिनेमाघरों में पॉलीथिन प्रतिबंध को जागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है। इसके साथ ही किसी तरह की बिक्री या इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी गई है।

नियम उल्लंघन करने वाले के खिलाफ सजा का प्रावधान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पॉलीथिन, प्लास्टिक व थर्मोकोल में चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंध की घोषणा की है। उनकी घोषणा के अनुसार ही 15 जुलाई रविवार से 50 माइक्रोन तक की पतली पॉलीथिन प्रतिबंधित की जा रही है। दूसरा चरण 15 अगस्त से शुरू होगा, इसमें प्लास्टिक व थर्मोकोल के कप-प्लेट व ग्लास प्रतिबंधित किए जाएंगे। इसके बाद दो अक्टूबर से सभी प्रकार के डिस्पोजेबल पॉलीबैग पर भी प्रतिबंध रहेगा। प्रदेश में 50 माइक्रोन तक की पॉलीथिन प्रतिबंधित करने के साथ ही अब इसे बनाने व बेचने पर जुर्माना व सजा का प्रावधान किया गया है। सरकार ने इसमें एक लाख रुपये तक का जुर्माना और छह माह तक की जेल भेजने के नियम बनाए हैं।

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