समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खां 2017 में दिए गए उस भाषण के चलते मुश्किलों में घिर गये हैं जो उन्होंने रामपुर में अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दिया था। इस भाषण में आज़म खां ने भारतीय सेना को निशाना बनाते हुए सेना पर अमर्यादित टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी को सेना का अपमान मानते हुए भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने रामपुर की सिविल लाइन कोतवाली में आज़म खां के ख़िलाफ़ रिपोर्ट दर्ज करायी थी। रामपुर पुलिस ने मामले की जांच की जिसके बाद आज़म खां की ही आवाज़ होना साबित हुआ था। आजम खां पर केस दर्ज होने की स्थिति में उनके मीडिया प्रभारी ने खून से पत्र लिखकर पीएम मोदी को भेजा है।

क्या है पूरा मामला :

ये पूरा मामला 2017 का है, जब सपा नेता मोहम्मद आज़म खां ने रामपुर में भाषण देते हुए भारतीय सेना पर अमर्यादित टिप्पणी की थी। इस मामले को लेकर भाजपा नेता और लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष आकाश सक्सेना ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी जिस पर जांच कर रामपुर पुलिस ने आरोप पत्र तैयार कर लिया था लेकिन आरोपी आज़म खां वर्तमान में विधान सभा के सदस्य हैं इसलिए उनके विरुद्ध मुक़दमा चलाने से पहले रामपुर पुलिस ने शासन से अनुमति मांगी थी। अब शासन से अनुमति मिलने के बाद पुलिस आज़म खां के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करेगी जिसके बाद अदालत में आज़म खां के विरुद्ध केस चलेगा।

मीडिया प्रभारी ने खून से लिखा पत्र :

रामपुर में फसहत शानू ने पीएम को खून से पत्र लिखा है। दरअसल फसहत शानू सपा नेता आजम खां के मीडिया प्रभारी हैं। खून से लिखे इस पत्र में कहा गया कि कुछ लोग बेवजह आजम खां की शिकायत कर रहे हैं। जब से योगी सरकार बनी, लोग उन्हें परेशान कर रहे हैं। सपा नेता आजम खां के बारे में बेवजह लिख रहे’। हम आप से मांग करते हैं कि आप उनकी मदद करें। आय से अधिक संपत्ति मामले में और, सेना पर दिए विवादित बयान पर आजम खां फँसे हुए हैं।

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