उत्तर प्रदेश के देवरिया बालिका संरक्षण गृह में देह व्यापार और मानव तस्करी के खुलासे के बाद प्रदेश के सभी महिला आश्रय गृहों के तत्काल निरीक्षण करवाए जा रहा है. जिसके बाद कई महिला संरक्षण गृहों से बड़े और लापरवाहीपूर्ण खुलासे हो रहे हैं. इसी कड़ी में राजधानी लखनऊ के प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय महिला शरणालय के निरीक्षण के दौरान 3 संवासिनी गायब पाई गईं. 

एसीएम प्रथम प्रफुल्ल त्रिपाठी ने किया शरणालय का निरीक्षण

बिहार के मुजफ्फरपुर की तर्ज पर यूपी में भी शर्मनाक मामला सामने आया. जहाँ प्रदेश के देवरिया जिले के नारी संरक्षण गृह में यौन शोषण होता था. जांच में पता चला कि संरक्षण गृह में 48 बालिका थीं, जिनमें से 24 ही वहां बरामद हुई और 18 गायब हैं.

वहीं इस घटना के बाद हरकत में आये प्रशासन ने जब प्रदेश के अन्य संरक्षण गृहों का निरीक्षण किया तो पाया कि अन्य संरक्षण गृहों की हालत भी देवरिया जैसी ही हैं.

लखनऊ के प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय महिला शरणालय से 3 संवासिनी गायब हैं। इन तीनों के भागने की रिपोर्ट हजरतगंज कोतवाली में दर्ज है।

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अधीक्षिका आरती सिंह को लगाई फटकार:

एसीएम प्रथम प्रफुल्ल त्रिपाठी ने राजकीय महिला शरणालय की बीते दिन कई अफसरों के साथ जांच के लिए पहुंचे. इस दौरान एसीएम ने अधीक्षिका आरती सिंह को जमकर फटकार भी लगाई. दरअसल निरीक्षण के दौरान शरणालय की अधीक्षका ने एसीएम से कहा कि सर अब चलिए रात हो गई है. यहाँ सब सही हैं. इतना सुनते ही एसीएम ने अधीक्षिका को फटकार लगा दी.

एसीएम ने कहा कि वे एक-एक संवासिनी से बात करके और बयान लेकर ही जायेंगे. जिसके बाद जांच के दौरान शरणालय में 3 संवासिनी नदारद दिखी. बता दें कि राजकीय महिला शरणालय से नौ दिन पहले यानी 29 जुलाई को तीन संवासिनी दीवार कूदकर भाग गईं थी। इन तीनों के भागने की रिपोर्ट हजरतगंज कोतवाली में दर्ज है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक एक भी संवासिनी का सुराग नहीं लग सका है।

अधीक्षिका ने बंद किया मोबाईल:

इस मामले को लेकर भी एसीएम प्रथम प्रफुल्ल त्रिपाठी ने अधीक्षिका आरती सिंह को फटकार लगाई। अधीक्षिका ने छापामार कार्रवाई होने पर अपना मोबाइल नंबर ही बंद कर लिया।

जो संवासिनी शरणालय से गायब हैं उनमें से एक माल की संवासिनी है, जो कि बहला-फुसलाकर भाग जाने के मामले में शरणालय में दो माह पूर्व लाई गई थी। इसी के साथ पहले से निरुद्ध दो अन्य संवासिनी भी 29 को दीवार कूदकर शरणालय की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलते हुए भाग निकलीं। अधीक्षिका आरती सिंह ने मामले की लीपापोती करते हुए रिपोर्ट दर्ज करा दिया था। फिर चुप बैठ गईं।

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