बिहार के मुज़फ्फरपुर शेल्टर होम की घटना के बाद उत्तर प्रदेश में देवरिया के माँ विंध्यवासिनी बालिका संरक्षण गृह का मामला सामने आने के बाद यूपी की सियासत मरे भूचाल सा आ गया है. शासन से लेकर जिला प्रशासन इस मामले के खुलासे के बाद सक्रीय नज़र आ रहा है. लगातार अलग-अलग जिलों में संरक्षण क्रेंद्रों पर छापेमारी की जा रही है. हरदोई के शेल्टर होम से 19 लड़कियों के गायब होने की खबर आई है जबकि लखनऊ के प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय महिला शरणालय से 3 संवासिनी गायब हैं। लखनऊ के राजकीय महिला शरणालय से भागी एक लड़की को लेकर अब चौकाने वाले बात सामने आई है.

अपनी मर्ज़ी से भागी लड़की:

संस्था में लगे कैमरा की रिकॉर्डिंग के अनुसार लड़की 29 जुलाई को दिन में लगभग 4:30 बजे संस्था की दो लड़कियों की मदद से छत पर पढ़ते समय कमरे से बाहर निकलकर छत की दीवार पर चढ़कर पलायन कर गयी । लड़की के भागने में सहयोग करने वाली दोनों लड़कियाँ संस्था में ही रह रही हैं।
उसी दिन थाना हज़रतगंज में एफ़॰आई॰आर॰ की दर्ज कराया गया और लड़की के घर वालों को भी सूचित किया गया । उसको लेकर पूर्व में भागने वाले लड़के के घर पर भी पता किया गया परन्तु घर में ताला बंद मिला ।जिसके बाद थाना अतरौली , ज़िला हरदोई को भी सूचित किया गया ।

न्यायालय ने भेजा था शरणालय:

अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लखनऊ के आदेश दिनांक 13 जुलाई 2018 के द्वारा सुनिता उर्फ़ सुनीला को राजकीय महिला शरणालय में भेजा गया था।
लड़की  नाबालिग़ थी और उसने थाना – अतरौली, ज़िला हरदोई के एक लड़के के साथ भाग कर शादी कर ली थी । पिता द्वारा एफ़॰आई॰आर॰ कराने पर पुलिस ने पीड़िता को बरामद कर कोर्ट में पेश किया गया था. मगर लड़की ने माता – पिता के साथ जाने से मना कर दिया था जिसके बाद न्यायालय ने उसे राजकीय महिला शरणालय भेजा ।

माता-पिता के पास जाना चाहती थी:

लड़की ने 15 जुलाई को कहा गया कि माता – पिता के साथ जाऊँगी । उसके ऐप्लिकेशन को न्यायालय में प्रेषित किया गया । उसके बाद लड़की तीन बार कोर्ट में पेशी पर गयी परन्तु मुक्त करने का आदेश नहीं हो सका ।जिसके बाद न्यायालय ने अगली तिथि 7 अगस्त तय कर दी।
 ज़िलाधिकारी लखनऊ ने इस घटना की मजिस्ट्रेटियल जाँच के लिए ए॰सी॰एम॰ प्रथम को नामित करते हुए आदेशित किया।
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