उत्तर प्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है. इसके साथ ही यह सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है. यही वजह है कि यह कॉरपोरेट कंपनियों खासा महत्त्व रखता है. प्रदेश सरकार कॉरपोरेट कंपनियों के सीएसआर फंड का के प्रदेश में अधिकतम योगदान कराने के लिए 11 सितंबर को इंदिरा प्रतिष्ठान में सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रेस्पांसबिलिटी) कॉन्क्लेव आयोजन की तैयारी कर रही है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””] 11 सितंबर को इंदिरा प्रतिष्ठान में होगा सीएसआर कॉन्क्लेव[/penci_blockquote]

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश में सीएसआर फण्ड के अधिक से अधिक निवेश लाने के निर्देश दिए थे. कई निवेशकों ने भी मुख्यमंत्री से मुलाक़ात के बाद इसका दायरा प्रदेश में बढ़ाने का आश्वासन दिया था.

सीएसआर कॉन्क्लेव प्रदेश व देश के प्रमुख निवेशक कंपनियों के सीईओ व वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाया जाएगा।बता दे कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद ही राजधानी में सीएसआर कॉन्क्लेव कराने का निर्णय लिया गया.

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]प्रदेश में इस तरह का पहला कॉन्क्लेव[/penci_blockquote]

इस कॉन्क्लेव में 400 लोगों के शामिल होने की संभावना है. सीएसआर कॉन्क्लेव के दौरान निवेशक प्रदेश में सीएसआर के अधिक से अधिक इस्तेमाल की योजना के विषय में बताएँगे. सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार होने के बावजूद सीएसआर पर खर्च करने वाली कंपनियों में से महज छह फीसदी ही यहां अपने फंड का कुछ हिस्सा खर्च करती हैं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]राष्ट्रीय स्तर की तुलना में प्रदेश में यह आंकड़ा कुल खर्च का तीन प्रतिशत है[/penci_blockquote]

कंपनियों के सीएसआर योगदान और उससे जुडी गतिविधियों की विस्तृत जानकारी जानकारी के लिए कॉन्क्लेव के दौरान मुख्यमंत्री सीएसआर पोर्टल की शुरुआत करेंगे. प्रदेश सरकार ने सीएसआर फण्ड का उपयोग स्वच्छ भारत अभियान, गाँवों को ओडीएफ बनाने, संस्कृत स्कूलों के मरम्मत और राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है.

 

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