मोदी सरकार द्वारा एससी/एसटी एक्ट में संशोधन कर उसे मूल स्वरूप में बहाल करने का मामला तूल पकड़ लिया है. देशभर मे एससी-एसटी एक्ट के नए प्रावधानों के विरोध में आज यूपी के अमेठी में भी अनेक जगहों पर सवर्ण समाज के कई संगठनों ने आज यानि 6 सितंबर को एससी एसटी के विरोध में सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया ।

सवर्ण समाज एवं पिछड़ा समाज का शोषण कर रही सरकार:

गुरुवार को सवर्ण समाज ने भारत बंद बुलाया सवर्ण नेताओ ने कहा कि एससी एसटी एक्ट के माध्यम से सरकार सवर्ण समाज एवं पिछड़ा समाज का शोषण करने में लगी है.

सवर्ण नेताओ ने आरोप लगाया कि एससी एसटी एक्ट के लगभग 75 प्रतिशत से भी अधिक मामलें फर्जी निकलते हैं ।

कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था-

सवर्णों के इस बंद के मद्देनजर जिला प्रशासन अमेठी द्वारा कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की गई खासतौर पर अमेठी के कुछ क्षेत्रो में सुरक्षा इंतजाम बढ़ा दिए गये

क्या है पूरा प्रकरण:

दरअसल ये पूरा विवाद उस एससी-एसटी एक्ट को लेकर है, जिसमें मोदी सरकार ने संशोधन करते हुए सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया था।

एससी-एसटी संशोधन विधेयक 2018 के जरिए मूल कानून में धारा 18A को जोड़ते हुए पुराने कानून को बहाल कर दिया जाएगा.

इस तरीके से सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए गए सभी प्रावधान रद्द हो जाएंगे।

संशोधन के बाद ऐसा होगा एक्ट:

अब सरकार द्वारा किए गए संशोधन के बाद इस मामले में केस दर्ज होते ही गिरफ्तारी का प्रावधान है।

इसके अलावा आरोपी को अग्रिम जमानत भी नहीं मिलेगी,बल्कि हाई कोर्ट से ही नियमित जमानत मिल सकेगी ।

जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल पर मामला दर्ज:

जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल संबंधी शिकायत पर तुरंत मामला दर्ज होगा और मामले की जांच इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी करेंगे.

एससी-एसटी मामलों की सुनवाई सिर्फ स्पेशल कोर्ट में होगी.

इसके साथ ही सरकारी कर्मचारी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर करने से पहले जांच एजेंसी को अथॉरिटी से इजाजत भी नही लेनी होगी.

इनपुट: राम मिश्रा

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