उत्तर प्रदेश के हरदोई जिला में संक्रमण रोग ने हाहाकार मचाकर रखा है। या यूं कहें कि बुखार ने अपने पांव पसार लिए है। जिससे लगातार मौतें हो रही है और स्वास्थ्य विभाग अपनी नाकामी छिपाने के लिए प्रयासरत है। बीते चौबीस घंटों की बात करें तो बुखार से 5 लोगों ने फिर दम तोड़ दिया जबकि सैकड़ों लोग पीड़ित है।चौबीस घंटों में यह मौतें बेहन्दर व टड़ियावां इलाले में हुई है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो जिले मे एक सप्ताह में 18 लोगों की जान जा चुकी है जिससे यह साबित हो रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के संक्रामक रोगों से निपटने के इंतजामात नाकाफी है।

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वहीं बिधान परिषद की प्रश्न एवं संदर्भ समिति के सभापति एमएलसी मिसबाहुद्दीन ने सण्डीला के डाक बंगले में स्वास्थ्य बिभाग की समीक्षा बैठक ली, बैठक के बाद उन्होंने कहा तहसील क्षेत्र की सभी सीएचसी प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि वह बुखार की सचुना मिलते ही गांव में भ्रमण करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि सण्डीला इलाके में झोलाछाप डॉक्टरों का जाल फैला है। गलत दवा देने के कारण लोग मर रहे है, कुछ दवाओं की भी कमी है, वह डीएम को अवगत कराएँगे।

जानकारी के मुताबिक, बेहन्दर पीएचसी के सरवें ग्राम सभा मे पिछले चौबीस घंटे में 3 लोगों की जान चली गयी। ग्रामीणों का मानना है कि बुखार आया और कुछ समय बाद ही मौत हो गयी। चौबीस घंटों में मरने वालों में गरीबा (50) पत्नी मजबूत, छोटक्के (45) पुत्र लोटन व सुंदर (50) पुत्र राधे शामिल है। जबकि कई लोग चपेट में है। बात की जाए स्वास्थ्य विभाग की संवेदनशीलता की तो अभी तक गांव में कोई टीम तो छोड़ो स्वास्थ्य कर्मी तक नही पहुंचा है जिससे ग्रामीण भयभीत है और स्वास्थ्य विभाग की लारवाही के चलते आक्रोशित भी हैं। अभी हाल में यहां की भिठौली ग्राम सभा मे 10 लोगों की मौत हो चुकी है तो सण्डीला सण्डीला में 3 ने दम तोड़ा है। एक माह पूर्व समाजवादी पार्टी के एमएलसी मिसबाहुद्दीन के गांव में भी 10 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

वहीं टड़ियावां ब्लॉक क्षेत्र के खेरवा दरौली में सरस्वती (22) पुत्री सत्येंद्र पाल व बरबट्टापुर मजरा साखिन मैं हिमांशु (14) पुत्र रामकुमार की तेज बुखार आने के कारण मौत हो गई। जबकि इसी गांव में कई दर्जन से अधिक लोग मलेरिया व बुखार से परेशान हैं। यहां पड़ोस के गांव कुरसंडा, भरावन, पहाड़ पुर, रमुआपुर, सगरापुर, गुलरिया, कोटरा, भौताकमालपुर, दिविहा, फत्तेपुर थोक खाला, बेलखेड़ा, महुआ, चाचर बर्रा, सराय, सखौरा, हरिहरपुर, अमेठिया, पिपरी, जैराजपुर, देविया करणपुर, बरूआर आदि गांव में मलेरिया बुखार का प्रकोप दिन पर दिन फैलता जा रहा है।

वहीं दो लोगों की मौत होने के बाद भी अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया ना तो गांव में कोई टीमे पहुंची वहीं गांव वासी काफी परेशान है। आस पड़ोस के झोलाछाप डॉक्टरों की शरण में जाने को लेकर मजबूर हैं। गरीब वर्ग के लोग मजदूरी करके अपनी दवा भी नहीं करा पा रहे हैं। सीएमओ डॉक्टर एसके रावत का कहना है कि जिले में 11 लोगों की मौत की सूचना है और 556 मरीजों के सैम्पल लिए गए जिनमे 51 में मलेरिया की पुष्टि हुई है। बाकी जहां जहां जानकारी मिलती है तुरंत टीम भेजकर दवाओं का वितरण आदि कराया जा रहा है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]एक नजर में खबर के हाइलाइट[/penci_blockquote]
➡बेहन्दर पीएचसी के सरवे में हुई बीती रात तीन मौतें।
➡टड़ियाँवा में भी दो की मौत, एक दर्जन गांव में बुखार का प्रकोप।
➡एक सप्ताह पूर्व बेहन्दर में 10 सण्डीला में 3 लोगों की हो चुकी है मौत सैकड़ों हुए है प्रभावित।
➡संक्रामक रोगो से निपटने के स्वास्थ्य विभाग के दावे हवाई।
➡सीएमओ ने माना जिले में हुई 11 मौतें कंट्रोलरूम किया गया स्थापित टीमें लगाई गयीं।
➡सीएमओ के अनुसार 556 सैंपल लिए गए 51 में मलेरिया की पुष्टि।
➡सपा एमएलसी मिसबाहुद्दीन ने कहा सभी सीएचसी प्रभारियों को किया गया निर्देशित
➡सण्डीला इलाके में झोलाछापों का जाल गलत दवाओं से मर रहे लोग।
➡कुछ दवाओं की भी कमी, डीएम को कराएंगे अवगत।

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