समाजवादी पार्टी के कद्दावर वोटबैंक यादवों को अपने पाले में करने की बीजेपी हमेशा से कोशिश करती आयी है लेकिन फिर भी यादव समाजवादी पार्टी के साथ सालों से चल रहे हैं। यूपी के यादवों को अपने पक्ष में लाने के लिए बीजेपी यादव 15 सितंबर को लखनऊ में यादवों का महासम्मेलन कराने जा रही है जिससे सपा को कड़ी टक्कर दी जा सके। इस बीच अखिल भारतीय यादव महासभा द्वारा भाजपा को तगड़ा झटका दिया गया है जिससे प्रदेश में यादवों के बीच समाजवादी पार्टी की स्थिति और मजबूत होती दिख रही है।

भाजपा को लगेगा बड़ा झटका :

आगामी लोकसभा चुनावों के पहले भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगने वाला है। समाजवादी पार्टी के कद्दावर वोटर माने जाने वाले यादवों को भाजपा अपने पक्ष में करने की जो योजना बना रही थी, उसकी तोड़ समाजवादी पार्टी को मिल गया है। अखिल भारतीय यादव महासभा के युवा महानगर अध्यक्ष आशीष यादव ने बताया कि समाज से अपील की जा रही है कि किसी हालत में किसी के बहकावे में न आयें। उन्होंने कहा कि भाजपा को किसी भी तरह उसके मंसूबों में कामयाब नहीं होने दिया जायेगा। चार वर्ष में प्रधानमंत्री यादवों को भूल गये हैं। एक भी बड़ा पद यादव समाज के किसी व्यक्ति को नहीं दिया। भाजपा सरकार में यादवों का जमकर उत्पीड़न हुआ।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]लोकसभा चुनावों के पहले भाजपा को बड़ा झटका लगने वाला है[/penci_blockquote]

यूपी में यादवों की है अहमियत :

उत्तर प्रदेश में यादव बिरादरी किसी भी पार्टी को सत्ता दिलाने में अहम भूमिका निभाती है। राज्य में करीब 8 फीसदी यादव जाति के मतदाता हैं, जबकि ओबीसी समुदाय की जनसंख्या में यादव वोट बैंक 20 फीसदी के करीब है। यही कारण है कि सपा में चल रहे गृहयुद्ध के बीच बीजेपी यादवों के लिए एक विकल्प बनना चाहती है लेकिन अखिल भारतीय यादव महासभा द्वारा बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। समाजवादी पार्टी के गठन से यादव वोटबैंक समाजवादी पार्टी के साथ रहा है।

[penci_related_posts taxonomies=”undefined” title=”संबंधित खबरें” background=”” border=”” thumbright=”no” number=”4″ style=”grid” align=”none” displayby=”uttar_pradesh_categories” orderby=”random”]

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें