सुलतानपुर की नगर पालिका परिषद में बीजेपी चेयरमैन और अधिशाषी अधिकारी आमने सामने आ गए हैं। उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर डीएम ने नगर पालिका में 16 ठेकेदारों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश अधिशासी अधिकारी को दिया जिस पर अधिशाषी अधिकारी ने ठेकेदारों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया और डीएम को अवगत कराया। यह बात जैसे ही चेयरमैन बबिता जायसवाल को पता लगी तो उन्होंने इसे पालिका बोर्ड का विशेषाधिकार का ह नन माना। लिहाजा अधिशाषी अधिकारी की इस अनुसाशनहीनता पर उन्हें तीन दिन के अंदर नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

नोटिस जारी कर माँगा जवाब :

नगर पालिका परिषद में चेयरमैन बबिता जायसवाल ने मौजूदा ठेकेदारों का रजिस्ट्रेशन रद्द किये जाने से नाराज होकर अधिशाषी अधिकारी रवीन्द्र कुमार के खिलाफ एक नोटिस चस्पा की है। इसमें उन्होंने लिखा है कि ठेकेदारों का रजिस्ट्रेशन करना और उसे निरस्त करना पालिकाध्याक्ष और बोर्ड का अपना विशेषाधिकार है। ऐसे में चेयरमैन बबिता ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुये उनके खिलाफ नोटिस जारी की है और उन्हें जवाब देने के लिये कहा है। इस मामले में अधिशाषी अधिकारी ने अपनी सफाई दी है।

जिले की नगर पालिका परिषद में फैले भ्रष्टाचार को रोकने के लिये चैयरमैन बबिता जायसवाल ने पिछले कार्यकाल के ठेकेदारों को रिजस्ट्रेशन रद्द कर दिया था। नगर पालिका के अपने गजट के अनुसार जो  ठेकादार पात्र पाये गये उनका नये सिरे से रजिस्ट्रेशन कराया गया। लिहाजा पिछले चेयरमैन के कार्यकाल में मलाई काट रहे ठेकेदारों को ये बात नागवार लगी, लिहाजा उन्होंने हाईकोर्ट का सहारा लिया। लेकिन पिछली 12 सितंबर को आये हाईकोर्ट के आदेश में भी उन ठेकेदारों को कोई सफलता नहीं मिल सकी।

3 दिन में माँगा जवाब :

ठेकेदारों ने अनियमितता की शिकायत करते हुये शासन से गोहार लगाई जिसपर विशेष सचिव अनिल बाजपेयी द्वारा 14 सितंबर को जिलाधिकारी सुलतानपुर को वर्तमान  ठेकेदारों को रजिस्ट्रेशन रद्द कर तीन दिन के भीतर जवाब देने की बात कही। जिलाधिकारी ने भी शासन के पत्र पर नगर पालिका परिषद के अधिशाषी अधिकारी रवीन्द्र कुमार सभी मौजूदा ठेकेदारों रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश देकर कार्यवाही करने की बात कही जिसके बाद अधिशाषी अधिकारी ने सभी ठेकेदारों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। इसी बात से नाराज चेयरमैन नगर पालिका परिषद बबिता जायसवाल ने अधिशाषी अधिकारी को इसे अनुशासनहीनता मानते हुये अधिशाषी अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

चेयरमैन की माने तो ठेकेदारों को रजिस्ट्रेशन करना और रद्द करना पालिकाध्यक्ष का अपना अधिकार है और बोर्ड भी उसी बात से सहमत है। इसी के चलते अधिशाषी अधिकारी से जवाब मांगा गया है।

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