केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद सभी सांसदों को उनके संसदीय क्षेत्र में एक गाँव गोद लेने को कहा गया था। कुछ सांसदों ने तो अपने गोद लिए गाँव की तकदीर बदल डाली लेकिन कुछ ऐसे भी सांसद हैं जिनका गोद लिया गाँव पहले से ज्यादा जर्जर स्थिति में पहुँच चुका है। कुछ ऐसा ही हाल हुआ है केंद्रीय मंत्री और झांसी से भारतीय जनता पार्टी की सांसद उमा भारती के गोद लिए गाँव का जिसकी दुर्दशा की कहानी स्वयं गाँव के निवासी बता रहे हैं।

दयनीय हालत में है गाँव की स्थिति :

उत्तर प्रदेश के झाँसी जिले में केंद्रीय मंत्री उमा भारती द्वारा अपनी लोक सभा सीट झाँसी-ललितपुर से क्रमशः एक-एक गाँव को गोद लिया गया था। इसमें जिसमे झाँसी जिले के चिरगाँव नगर पंचायत का गाँव करगवा और ललितपुर जिले में स्थित गाँव पवा थे। इसमें से आज झाँसी जिले के चिरगाँव स्थित ग्राम करगवा जाकर देखा तो स्थिति कुछ और दिखी। यहाँ पर जब उत्तर प्रदेश डॉट ओआरजी की टीम पूर्व माध्यमिक कन्या क्रमोत्तर स्कूल पहुँची तो वहाँ बच्चो को अपने बर्तन स्वयं धोते देखा गया। पूछने पर बताया कि हमको स्कूल से खाना खाने के लिए प्लेट नही मिलती, हम घर से अपने टिफिन साथ लाते है उसी में खाना खाते है और मेडम हमें मारती भी है।

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निःशुल्क गैस कनेक्शन के भी दे रहे पैसे :

केंद्रीय मंत्री उमा भारती के गोद लिए गाँव मे जात-पात का भेदभाव साफ तौर पर समझा जा सकता है। इसके अलावा स्कूल से निकल कर जब हमारी टीम गांववालों के पास पहुंची तो उन्होंने बताया कि हमें किसी भी सरकारी योजना का लाभ आज तक नही मिला है। उन्होंने बताया कि घर में शौचालय निर्माण के लिए सरकार की तरफ से धनराशि नहीं मिली। इसके अलावा गैस कनेक्शन लेने के लिए फार्म भरवाने के लिए 200 रूपये भी मांगे जाते हैं।

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