उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में छात्रों व प्रशासन के बीच चल रहे बवाल के तीसरे दिन बुधवार को आखिरकार प्रशासन ने हॉस्टल खाली कराना शुरू कर दिया। जिला प्रशासन के मिजाज को देखते हुए छात्रों को भी बैकफुट पर आना पड़ा और और वे हॉस्टल खाली कर परिसर से बाहर जाने लगे हैं। इसके बाद से परिसर में माहौल काफी तनावपूर्ण दिखाई दे रहा है।

पुलिस द्वारा चलाया जा रहा सर्च ऑपरेशन :

बीएचयू में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए कई जगह- जगह पर लगाया गए भारी पुलिस फ़ोर्स की तैनाती की गयी है। इसके अलावा ड्रोन कैमरे द्वारा हॉस्टल पर नजर रखी जा रही है। इसी प्रकार 4 वर्ष पहले भी घटना के बाद हॉस्टल खाली कराए गए थे।

मंगलवार को ही कई छात्र हॉस्टल खाली कर घर जाने लगे थे। कुलसचिव की ओर से भी बिड़ला, धनवंतरि, रुइया मेडिकल समेत 7 छात्रावासों को खाली करने का आदेश जारी हुआ है। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को बुधवार शाम 5 बजे तक का समय दिया था।

डॉक्टरों और छात्रों में हुआ था बवाल :

छात्रों द्वारा सर सुंदरलाल अस्पताल में मरीज व उनके परिजनों के साथ मारपीट के बाद मामले ने तेजी पकड़ लिया है। झगड़े के बीच में आए रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ मारपीट के बाद रेजिडेंस भी हड़ताल पर चले गए। वही दूसरे गुट के छात्र भी बीएचयू में लगातार बवाल बाजी करते गए। सबसे बड़ी बात यह रही कि बीएचयू में तीन दिन तक चले बवाल बाजी में बीएचयू प्रक्ट्रोरियल की भूमिका बिल्कुल कमजोर नजर आई है। बीएचयू प्रक्ट्रोरियल किसी भी प्रकार से छात्रों पर नियंत्रण पाने में असमर्थ हुई।

डीएम सुरेंद्र सिंह और एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने अपनी सूझबूझ से छात्रों को किसी प्रकार समझा बुझाकर कराया शांत कराया। सुबह से कैंपस में सर्च ऑपरेशन शुरू किया जा रहा है और बीएचयू के 7 चिन्हित हॉस्टलों को खाली कराने के साथ ही छात्रावास को सील किया जा रहा है।

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