समाजवादी पार्टी से अलग होकर सेक्युलर मोर्चा बनाने वाले पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने लोक सभा चुनावों के पहले सपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लगतार शिवपाल यादव के पार्टी से अलग होने के बाद हुए डैमेज को कंट्रोल करने में जुटे हुए हैं लेकिन हर जिले से एक के बाद एक सपाई लगातार सेक्युलर मोर्चे का दामन थाम रहे हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी के सबसे बड़े गढ़ रामपुर में सपा के कद्दावर नेता ने हजारों समर्थकों के साथ सेक्युलर मोर्चे की सदस्यता ले ली है।

रामपुर में लगा सपा को झटका :

समाजवादी पार्टी को छोड़कर नेताओं के सेक्युलर मोर्चे में शामिल होने का दौर जारी है। इसी क्रम में सपा के कद्दावर नेता आजम खान के गढ़ में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। यहाँ पर स्वार पालिकाध्यक्ष रेशमा परवीन, उनके पति पूर्व पालिकाध्यक्ष शफीक अंसारी और ब्लाक प्रमुख कुबरा बेगम ने अपने हजारों समर्थकों के साथ पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी है। इन्होंने सपा विधायक अब्दुल्ला आजम एवं पूर्व मंत्री आजम खान पर ब्लॉक प्रमुख के अविश्वास प्रस्ताव में भितरघात करने का आरोप भी लगाया है। पूर्व पालिका अध्यक्ष ने कहा है कि सपा रहते हुए वह काफी समय से घुटन महसूस कर रहे थे, इसलिए इस्तीफा दिया है।

सपा नेताओं ने दी सफाई :

स्वार के पूर्व पालिकाध्यक्ष शफीक अंसारी, उनकी पत्नी रेशमा परवीन और ब्लॉक प्रमुख कुबरा बेगम सपा छोड़ने की घोषणा के बाद से पार्टी में हड़कंप मचा है। इतने सारे नेताओं के सपा से जाने पर जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार ने कहा कि इनका सपा से कोई संबंध नहीं है। ये लोग काफी दिनों से सपा की बैठकों में नहीं आ रहे थे। उन्होंने कहा कि सपा शासनकाल में ये लोग अपने हित के लिए पार्टी से जुड़े थे। सपा सरकार जाने के बाद से ही वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं।

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