जहाँ एक तरफ सारा देश दशहरे के जश्न में डूबा हुआ है, वहीं कोई भूखा भी है. उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में सरकार और प्रशासन की मदद के इंतज़ार में पिछले एक हफ्ते से अनशन पर बैठे किसानों के लिए क्या त्योहार और क्या दशहरा.  

8 दिन से धरने पर बैठे हैं किसान:

झांसी जिले में पिछले 8 दिनों से इमलिया गांव के दर्जनों किसान अपनी मांगों को लेकर कचहरी चौराहा स्थित गांधी उत्थान में अनशन पर बैठे हुए हैं.

लेकिन सरकार के मातहतों को इन किसानों की चिंता तक नहीं है, शायद यही वजह है कि जिले का कोई प्रशासनिक अधिकारी भी अभी तक अनशन पर बैठे इन किसानों की सुध नहीं ले रहे और न हीं इनसे मिलना मुनासिब समझ रहे हैं.

समाजसेवी संस्था ने करवाया भोजन:

वैसे किसान को धरती पर अन्नदाता का दर्जा दिया जाता है लेकिन जब अन्नदाता ही कई दिनों से भूखा हो तो वो क्या करे, ऐसे में झांसी की समाज सेवी संस्था जेसीआई गूँज की निवर्तमान अध्यक्ष योगिता अग्रवाल और व्यापारी राघव वर्मा ने आकर इन किसानों का हाल जाना और भूखे पेट बैठे किसानों को भोजन करा कर इन दोनों समाज सेवियों ने मानवता की मिशाल पेश की.

इस सराहनीय पहल से झांसी के अधिकारियों और जनता को सोचना चाहिए कि यदि अन्न देने वाला ही भूखा रहेगा तो हम इस धरती पर कैसे जीवित रहेंगे।

किसान जहाँ पहले कुदरत के सूखे की मार झेल चुके अब सरकार द्वारा मुआवजा न दिए जाने की मार झेल रहा है.

वहीं UttarPradesh.Org ने समाजसेवी योगिता अग्रवाल और राघव वर्मा की इस सराहनीय पहल को दिल से धन्यवाद देता है।

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