पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर यूपी के डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि एक सितंबर 2017 से 31 अगस्त 2018 तक सम्पूर्ण भारत में 414 पुलिसकर्मियों ने कर्तव्य की वेदी पर अपनी जान न्योछावर कर दी। इनमें उत्तर प्रदेश के 5 उपनिरीक्षक, एक सहायक उपनिरीक्षक (एम), 18 मुख्य आरक्षी, एक लीडिंग फायर मैन, 2 आरक्षी चालक, 40 आरक्षी कुल 67 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। यूपी पुलिस के सभी पुलिसजन इनके महान कर्तव्यपालन व अप्रतिम बलिदान की सराहना में नतमस्तक हैं और हम अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

बता दें कि डीजीपी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस स्मृति दिवस पर शोक परेड की सलामी लेने के साथ शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश सहित प्रदेश के उन शहीद जवानों जिसमे 67 उत्तर प्रदेश से भी जवान शामिल है। उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं। मुख्यमंत्री ने सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ उनके परिवार के लोगों को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि पुलिस बल के वीर शहीदों ने अपने सर्वोच्च बलिदान और त्याग से उत्तर प्रदेश शासन एवं पुलिस विभाग का गौरव बढ़ाया है। पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के अपने बहादुर पुलिस जवानों से मैं यही आग्रह करूंगा कि पूरी ईमानदारी और कर्तव्य परायणता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि हम उनके हितों पर ध्यान भी दे रहे हैं। सरकार ने फैसला किया है कि शहीद पुलिसकर्मियों के गांव का संपर्क मार्ग उनके नाम से होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में घोषित परिणाम के अनुसार 29,303 पुलिस आरक्षी प्रशिक्षणरत हैं। जिनमें 5,341 महिला आरक्षी, 20,134 पुरुष आरक्षी, 3,828 पीएसी के जवान भी हैं। मैं इस अवसर पर कहना चाहूंगा की राज्य सरकार पुलिस बल की कमी को दूर करने, उनकी कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए भर्ती की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ा रही है। मैं इस अवसर पर उन बहादुर जवानों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके परिवार को आश्वस्त करता हूं कि राज्य सरकार उनके कल्याण के लिए और उन्हें हर संभव सहयोग करने के लिए सदैव तत्पर रहेगी। वर्ष 2017 में 9,892 पुलिस कर्मियों को, वर्ष 2018 में 37,575 पुलिस कर्मियों को पदोन्नतियां प्रदान की गईं जो कि अब तक का एक रिकॉर्ड है। 42,000 पुलिस कर्मियों की भर्ती प्रचलित है, इसमें और तेजी लाने के लिए अगले चरण में 51,216 पुलिस कर्मियों की भर्ती का भी कार्यक्रम पुलिस भर्ती बोर्ड ने घोषित किया है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने शहीद पुलिसकर्मियों में शामली में तैनात रहे आरक्षी अंकित तोमर, 34वीं वाहिनी पीएसी में तैनात रहे रामवृक्ष सिंह, बिजनौर में तैनात रहे दीपक कुमार व बृजेश मिश्र के साथ खीरी के लीडिंग फायरमैन कमलाकांत तिवारी के परिवार के सदस्यों को सम्मानित किया। इस मौके पर सभी की आंखें नम थीं। बागपत के वाजिदपुर बड़ौत निवासी आरक्षी अंकित की पत्नी नेहा के साथ आजमगढ़ के छतउर सुलतानीपुर, जहानाबाद निवासी रामवृक्ष की पत्नी कांति ने सम्मान प्राप्त किया। इसके अलावा बुलंदशहर के ढकोली बीबी नगर निवासी दीपक के पिता रामवीर सिंह, शाहजहांपुर के सिधौली गरवापुर निवासी बृजेश की पत्नी स्वाति और खीरी के हिदायत नगर पुराना एसपी बंगला निवासी कमलाकांत की पत्नी रेखा देवी ने सम्मान प्राप्त किया। आरक्षी दीपक और बृजेश बिजनौर में ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में शहीद हो गए थे। कमलाकांत बरगद के पेड़ में लगी आग को बुझाते समय शहीद हुए थे, जबकि अंकित कस्टडी से फरार बदमाश को पकडऩे के दौरान शहीद हो गए थे। वहीं रामवृक्ष ड्यूटी के दौरान कुछ युवकों के हमले में शहीद हुए थे।

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