मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में जीत के बाद कांग्रेस के  मुख्यमंत्री सोमवार को शपथ ग्रहण करेंगे। दरअसल ये शपथ ग्रहण कार्यक्रम असल में 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकजुटता का संदेश देश भर देने का एक जरिया होगा। इस शपथ ग्रहण में देश भर के विपक्षी नेताओं का संगम देखने को मिलेगा। हालाँकि कांग्रेस सरकार के इस शपथ ग्रहण के पहले ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने इसमें शामिल होने को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है जिसके बाद नए समीकरण बनते दिख रहे हैं।

अखिलेश-मायावती नहीं होंगे कार्यक्रम में शामिल :

सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव और मायावती शपथ ग्रहण में नहीं शामिल होंगी। दोनों नेताओं का ये कदम महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस पर रणनीतिक दबाव बना रहे हैं। अखिलेश यादव ने खुद साफ किया कि मध्य प्रदेश में उनके एकमात्र सपा विधायक शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहेंगे। बसपा सुप्रीमो मायावती ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की बात पर चुप्पी साध रखी है। पार्टी सूत्रों की मानें तो वह भी शपथ ग्रहण में नहीं जा रही हैं।

देश भर से नेताओं को किया गया आमंत्रित :

तीनों राज्यों में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस सहित अन्य दलों के प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किया गया है। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, शरद यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूख अब्दुल्ला, टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू, सीपीआई, सीपीएम, एमके स्टालिन सहित विपक्ष के शीर्ष नेता जयपुर एवं भोपाल पहुंच सकते हैं। हालाँकि रायपुर कौन-कौन पहुंचेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है।

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