आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारियों में लगी समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी कोर्ट में पेश नहीं होने वाली समाजवादी पार्टी की पूर्व विधायक विजमा यादव ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था जिसके बाद उन्हें कुछ समय के लिए अंतरिम जमानत मिली थी। अब अन्तरिम ज़मानत पर चल रही पूर्व झूंसी विधायक विजमा यादव को जमानत मिलने के बाद भी 6 अन्य सह अभियुक्तों के साथ ज़मानतदारो के सत्यापन होने तक जेल जाना पड़ा है।

जमानत पर हुई थी रिहा :

पूर्व सपा विधायक विजमा यादव के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट चल रहा था जिसमें हाज़िर होने पर न्यायालय विशेष जज पवन कुमार तिवारी ने अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया था। मंगलवार को समर्पण करने पर उनकी ज़मानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई जिसका सरकार की ओर से विरोध ज़िला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चन्द्र अग्रहरि व अपर शासकीय अधिवक्ता राजेश गुप्ता ने किया सुनवाई के बाद विजमा यादव को एक एक लाख की दो जमानतें व निजी मुचलका दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश हुआ।

उच्च न्यायालय के पूर्व के दिशा निर्देश की 20 हज़ार से ऊपर की जमानत पर ज़मानतदारो का सत्यापन कराना आवश्यक है, सभी 7 मुल्जिमान को जमानत सत्यापन होने तक जेल भेज दिया गया।

2 बार सपा से रही हैं विधायक :

समाजवादी पार्टी की पूर्व विधायक विजमा यादव ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। प्रयागराज जिले के प्रतापपुर विधानसभा से विजमा यादव दो बार विधायक रह चुकी हैं। उनके खिलाफ प्रयागराज के झूंसी थाना में मारपीट के साथ बंदूक लूटने का मामला दर्ज है। वह लंबे समय से इस प्रकरण में कोर्ट में पेश नहीं हो रही थीं।

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