लखनऊ | सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मृतक आश्रित सेवायोजन के लिए कुटुंब की परिभाषा में विवाहिता पुत्री और परित्यक्ता पुत्री को भी शामिल कर लिया है।मुख्यमंत्री ने इसके लिए मंगलवार को मृतक आश्रित को नौकरी के लिए कुटुंब की परिभाषा में विवाहित पुत्री और परित्यक्ता पुत्री भी शामिल करने के लिए उप्र सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली-1974 के नियम -2(ग)(तीन) में संशोधन की अनुमति दे दी है। मुख्यमंत्री ने महिला अधिकारों के संरक्षण के लिए हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर यह फैसला किया है।

हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भती नियमावली 1974 में इसका प्रावधान करने की अनुमति दी गई है। इसके आधार पर कुटुंब के अंतर्गत मृत सरकारी सेवक की पत्नी या पति, पुत्र, दत्तक पुत्र और अविवाहित पुत्रितयां, आविवाहित दत्तक पुत्रियां, विधवा पुत्रियां और विधवा पुत्र वधुओं के साथ अब विवाहित पुत्रितयां और परित्यक्ता पुत्रियां भी संबंधी होंगी|

https://twitter.com/CMOfficeUP/status/1275474419687682049?s=20

महिला संरक्षण के हित में एक और महत्वपूर्ण फैसला करते हुए मृतक आश्रित कोटे पर विवाहित पुत्री और परित्यक्ता पुत्री को नौकरी देने को मंजूरी दे दी है। हलाकी प्रदेश मे अभी तक यह व्यवस्था नहीं थी|
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