मतदाताओं को लुभाने और वोट पाने के लिए चुनाव में झूठे, फर्जी और बड़े बड़े वायदे करना राजनीतिक पार्टियों को अब महँगा पड़ सकता है । निर्वाचन आयोग ने ऐसे वायदे करने वाली पार्टियों पर शिकंजा कसने कि तैयारी कर ली है। मतदाताओं से वायदा करने से पहले सभी राजनीतिक पार्टियों को इन वायदों का एफिडेविट बना कर चुनाव आयोग को देना होगा । ऐसा न करने कि स्थिति में चुनाव आयोग पार्टियों के खिलाफ कार्यवाई करते हुए उन पार्टियों के चुनाव चिन्ह तक वापस ले सकता है।

वायदों को पूर्ण करने के लिए पैसा कहा से लाएंगे पार्टी को इसकी भी जानकारी देनी होगी

  • चुना के दौरान वोट पाने के लिए फर्जी वायदे करने पर राजनीतिक दलों की अब खैर नही।
  • वोट पाने के लिए मतदाताओं से फर्जी वायदे करने वाली पार्टियों पर लगाम लगाएगा चुनाव आयोग।
  • गौरतलब है कि पंजाब और उत्तर प्रदेश में 2017 में चुनाव होने वाले हैं।
  • ऐसे में सभी राजनितिक पार्टियाँ मतदाताओं को लुभाने के लिए बड़े बड़े वादे करेंगी।
  • चुनाव आयोग ऐसे में उन पार्टियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकता है, जो गलत वायदें करेंगी।

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  • 23 सितम्बर को हुई एक बैठक में चुनाव आयोग ने कुछ अहम फैसला लिए है।
  • गलत वायदा कर के मतदाताओं से वोट लेने पर रोक लगाने के लिए आयोग ने उठाये है कुछ सख्त कदम।
  • जिसके अंतर्गत सभी राजनीतिक पार्टियों को में मतदाताओं से वायदा करने से पहले  इन वायदों का एक एफिडेविट बनाना होगा।
  • ये एफिडेविट पार्टियों को पहले चुनाव आयोग को देना होगा।
  • इस एफिडेविट में पार्टियों को ये भी बताना होगा कि सभी वायदों को पोर करने के लिए वो पैसे कहाँ से लायेंगे।
  • ऐसा ना करने कि स्थिति में चुनाव आयोग पार्टियों से उनका चुनाव चिन्ह वापस ले सकता है।

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