नीति आयोग के प्राइवेटाइजेशन की सूची में शामिल सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस

नीति आयोग (Niti Aayog) ने डाइवेस्टमेंट संबंधी सचिवों की कोर समिति को उन सरकारी बैंकों और बीमा कंपनी के नाम सौंप दिए हैं, जिनका डाइवेस्टमेंट प्रक्रिया के तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष में प्राइवेटाइजेशन किया जाना है। इनमें दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB) और एक सार्वजनिक क्षेत्र के सामान्य बीमाकर्ता का नाम शामिल है।  सूत्रों ने कहा कि निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (Deepam) और वित्तीय सेवा विभाग (DFS) नीति आयोग द्वारा सुझाए गए नामों की जांच करेंगे और इस साल प्राइवेटाइजेशन के लिए वित्तीय क्षेत्र में संभावित उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देंगे ।

इस क्षेत्र से जुड़े जानकार लोगों ने यह भी कहना है कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra) और सेंट्रल बैंक (Central Bank  of India) शीर्ष दो उम्मीदवार हैं, जिनका नाम निजीकरण की प्रक्रिया के लिए शामिल किया गया है. हालांकि इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) का नाम भी इस साल या संभवत: बाद में इस सूची में आ सकता है ।

सूत्रों के अनुसार, इसके अलावा युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को इसके सापेक्ष बेहतर सॉल्वेंसी रेश्यो को देखते हुए तीन सामान्य बीमाकर्ताओं में से निजीकरण के लिए उम्मीदवार के तौर पर चुना जा सकता है ।

सरकार ने पहले संकेत दिया था कि प्रांप्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) ढांचे के तहत बैंकों या कमजोर बैंकों को निजीकरण से बाहर रखा जाएगा, क्योंकि उनके लिए खरीदार ढूंढना मुश्किल होगा। इसकी वजह से तीन पीएसबी – इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया और यूको बैंक सरकार की विनिवेश योजना से बाहर हो जाते।
इस साल के बजट में, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि वित्तवर्ष 2022 में आईडीबीआई बैंक के साथ दो सरकारी बैंकों का निजीकरण किया जाएगा।   उन्होंने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष में एक सामान्य बीमा कंपनी को बेच दिया जाएगा ।

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