नोट बंदी को एक महीने से ज्यादा हो चुका है मध्यम वर्ग पैसों की किल्लत से जूझ रहा है वहीँ किसान वर्ग भी बीज और खाद नहीं खरीद पा रहा है.

बीज और खाद के लिए नहीं है पैसा

  • गेहूं की बुआई का वक़्त है पर बीज  और खाद खरीदने को पैसों की किल्लत आ रही है.
  • दो किसान नरेला मंडी में धान बेचने में असफल रहे क्योकि आढ़ती के पास भी पैसे नहीं थे.
  • नोट बंदी से पहले 2400 रूपये क्विंटल बिक रहा था धान.
  • पर अब लोग दो हज़ार में भी धान खरीदने को तैयार  नहीं हैं.

नरेला मंडी में उत्तर भारत के लगभग सभी किसान जाते हैं

  • देश की सबसे बड़ी मंडियों में से एक है नरेला उसका हाल ये है.
  • देश की बाकी मंडियों का क्या हाल होगा इसका कोई अंदाज़ा नहीं है.
  • प्रधानमंत्री मोदी किसान हित में ढेरो योजनायें ला चुकें है.
  • नोट बंदी के इस दौर में जब गरीब किसान पैसे के लिए मुहताज है.
  • तो मोदी इस स्थिति में क्या फैसला करते हैं ये देखने वाली बात होगी.

सरकारी एलान का भी नहीं हो रहा पालन

  • सरकार ने बोल रखा है की सरकारी दुकानों पर पुराने नोट चलेंगे.
  • फिर भी बीज और खाद खरीदने में किसान वर्ग की बदहाली सामने आ रही है.
  • कई किसान  तो बेहद कम पैसो में अपनी मेहनत से उगाई धान बेच रहे है.
  • प्रशासन की चुप्पी इस मामले में बर्दाश्त के बाहर जा रही है.
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