प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई नोटबंदी का समर्थन करने वाली एक मात्र बिहार की नीतीश सरकार को मोदी सरकार ने एक बड़ा झटका दिया है । जिससे के बाद दोनों सरकारों में विवाद शुरू हो गया है। बता दें कि इस वर्ष बिहार में भयंकर बाढ़ आई हुई है जिससे की राज्य के अधिकतर जिले प्रभावित हुए हैं। इस बाढ़ के चलते लोगों का जन जीवन जहाँ अस्त व्यस्त हुए है वहीँ उन्हों करोड़ों का नुक्सान भी हुआ है। बाढ़ द्वारा लाई गई इस तबाही को लेकर बिहार सरकार ने केंद्र सरकार बाढ़ सहायता राशि मांगी थी जिसे देने से केंद्र सरकार ने इनकार कर दिया है।

पहले राज्य आपदा कोष में मौजूद राशि का इस्तेमाल करे बिहार सरकार : केंद्र

  • बिहार में आई बाढ़ को लेकर बिहार सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार से मांगी थी मदद।
  • सीएम नितीश कुमार का कहना था की केंद्र कि तरफ से राज्य को बाढ़ राहत सहायता प्रदान की जाये।
  • बता दें की मदद के तौर पर तकरीबन 4,000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की मांग की गई थी।
  • जिसे केंद्र सरकार ने देने से इनकार कर दिया है।
  • केंद्र का कहना है की बाढ़ के हालत से निपटने के लिए बिहार सरकार को पहले राज्य आपदा कोष में मौजूद राशि को खर्च करना चाहिए।
  • बता दें कि बिहार सरकार के पास राज्य आपदा कोष में 1,859 करोड रुपए मौजूद हैं।
  • इस राशि को खर्च करने के बाद ही केंद्र बिहार सरकार की मदद करेगा।
  • गौरतलब ही की केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने बिहार सरकार को केंद्र के पक्ष से अवगत करा दिया है।
  • यही नही रिजिजू ने बिहार सरकार को राज्य आपदा कोष से खर्च किए गए राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र भी भेजने के लिए कहा है।
  • बता दें की बिहार सीएम नितीश कुमार ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को एक सप्ताह पहले इस मदद के लिए पत्र लिखा था।
  • जिसमे उन्होंने बिहार के लिए मोदी सरकार से 4112 करोड रुपए की सहायता मांगी थी।
  • गौरतलब है की बाढ़ के हालत अवगत कराये जाने के बाद भी मोदी सरकार की तरफ से कोई टीम नुक्सान का जायेज़ा लेने नही पहुंची थी।
  • बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री चंद्रशेखर ने इसे केंद्र के इस रवैये को पक्षपातपूर्ण बताया  है।

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