बसपा विधायक की सरेआम हत्या कर पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजनीति में खलबली मचाने वाले अतीक अहमद पर मायावती ने सत्ता सँभालते ही लगाम लगा दी थी. अतीक अहमद अपने वर्चस्व को कायम रखने की जंग लड़ने में पूरी तरह नाकाम रहे. लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अतीक के दिन भी बदले। शिवपाल यादव ने अतीक अहमद पर भरोसा जताते हुए सपा का टिकट दे दिया। अतीक अहमद टिकट मिलने के बाद ही शहर में अपना आतंक फिर से कायम करना चाहते हैं.

अतीक के राजनीतिक भविष्य पर लगभग विराम उसी वक्त लग गया था जब मारे गए राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने अतीक को चुनाव में हरा दिया था. आमने-सामने के इस मुकाबले के बाद अतीक को ये एहसास हो गया था कि आतंक फैलाकर वोट नहीं लिए जा सकते हैं. शहर परेशान था वो अतीक के आतंक से मुक्त होना चाहता था. सपा के टिकट के सहारे अतीक फिर से अपनी जमीन तलाश रहे हैं. लेकिन इसके लिए अतीक ने फिर से गुंडागर्दी का रास्ता ही चुना है.

ताजा घटना इलाहबाद के कृषि संस्थान की है जहाँ अतीक ने अपने गुर्गों के साथ सरेआम मारपीट की. असलहों से लैस अतीक संस्थान में दाखिल होते ही निदेशक, संस्थान के बारे में पूछा। निदेशक के कमरे में पहुँचते ही अतीक के साथ आये बदमाशों ने अपनी गुंडागर्दी दिखानी शुरू कर दी. भद्दी गालियों और उस वक्त कमरे में मौजूद अधिकारियों को मारना-पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद ये सभी लोग कुलपति के कमरे की तरफ बढ़े और वहां भी गालियां देते हुए कुलपति के सहयोगी कर्मचारियों को बुरी तरह पीटा। इसके पश्चात सुरक्षा कर्मियों को भी मारा। पुरे कैंपस में भय का माहौल था. असलहों से लैस होने के कारण कोई भी बीच-बचाव करने के लिए नहीं जा सका.

atiq ahmad

अतीक और असलाहधारी गुर्गों ने की जमकर मारपीट:

दिन दहाड़े हुई इस घटना के पीछे क्या कारण हो सकता है, इसके बारे में संस्थान के कर्मियों ने बताया कि कुछ दिन पूर्व एक प्राध्यापक ने दो छात्रों सैफ सिद्दीकी और शाकिब के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. इन लोगों पर आरोप था कि कैंपस में छेड़छाड़ करते हैं और छात्रों को डराते हैं. इस केस को वापस लेने के लिए अतीक दबाव बना रहे थे. इसी कारण अतीक अपने साथ असलहाधारियों की फ़ौज लेकर कैंपस में धावा बोल दिया।

ये लोग यहीं नहीं रुके, प्राध्यापक तेजस जैकब के कनपट्टी पर बंदूक सटाकर उनका टैबलेट छीन लिया। जैकब को घसीटते ये बदमाश अपने साथ लेकर जाना चाहते थे लेकिन अधिक संख्या में कर्मचारियों के विरोध के बाद इन्होंने जैकब को छोड़ दिया। अतीक के साथ आये असलहाधारियों में निष्काषित छात्र सैफ सिद्दीकी और शाकिब भी थे.

इस मामले में अभी तक पूर्व सांसद अतीक अहमद पर कोई कार्यवाई नहीं की गई है. कैंपस के लोगों में खौफ का माहौल है. इन लोगों का कहना है कि पुलिस इन लोगों पर कार्यवाई नहीं करना चाहती है. जैकब व अन्य कर्मियों से मारपीट करने के अलावा उनके मोबाइल, टैबलेट आदि भी छीन लिए गए. पीड़ित ने मामले में कार्यवाई करने के लिए पुलिस से गुहार लगाई है.

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