यूपी चुनाव से पहले बीजेपी अपने प्रचार अभियान को तेज करने में जुटी हुई है. बीजेपी प्रचार के लिए नए-नए तरीके अपना रही है. यूपी चुनाव 2017 में होने वाले हैं लेकिन बीजेपी अभी से ही 2019 लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुट गई है. 2019 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने बाइक्स को प्रचार के लिए इस्तेमाल करने का निर्णय किया है.

बीजेपी के स्टीकर, सायरन और रिकॉर्डर लगे बाइक्स का जखीरा आगरा में पहुँच चुका है. 265 बाइक्स को बीजेपी के रंग में रंग दिया गया है. इस पूरे अभियान का ठेका ‘एबीएम’ नामक कंपनी को दिया गया है. कंपनी ने अपने कर्मचारियों को बाइक्स सौंप दी है और प्रचार के लिए अभी से ही ये लोग जुट गए हैं.

इसका खुलासा हुआ जब  भाजपा के प्रचार के लिए आगरा से एटा ले जाते हुए बाइक सवारों से बात की गयी . इस खुलासे के बाद बीजेपी के नेताओं को कैमरे के सामने आकर सफाई देनी पड़ गई. कई राजनीतिक दल पहले ही बीजेपी के स्टीकर लगे बाइक्स को लेकर निशाना बना रहे हैं. इस दौरान uttarpradesh.org की टीम ने इन बाइक सवारों से बात की और पुरे मामले का सच जानने की कोशिश की.

बाइक सवारों ने बताया कि ‘एबीएम’ की तरफ से ये बाइक्स नरेंद्र मोदी के प्रचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली हैं. बाइक सवारों ने बताया कि उनका किसी पार्टी से लेना देना नहीं है सिर्फ कम्पनी के एम्प्लोयी होने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 2019 चुनाव में प्रचार करेंगे. हालांकि एक बाइक जिसका नंबर UP80DX4841 ट्रेस किया गया वो किसी प्रदीप बघेल के नाम पर  रजिस्टर्ड है.

https://www.youtube.com/watch?v=ck8P9Nz6oww&feature=youtu.be

लेकिन हैरानी की बात है कि बीजेपी 2017 यूपी चुनाव को तरजीह क्यों नहीं दे रही है, जबकि यूपी चुनाव नजदीक आ रहा है.ऐसे में 2019 लोकसभा चुनावों की तैयारी के लिए अभी से बाइक्स का इस्तेमाल होना सवाल उठा रहा है.

मीडिया से बनाई जा रही है दुरी:

 गोरखपुर में कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार के लिए बाइक बाँटने के खुलासे के बाद अब आगरा में बाइक्स बाँटने का काम गुपचुप तरीके से किया जा रहा है. मीडिया को भनक ना लगे इसकी पूरी तैयारी की जा रही है. आगरा ग्वालियर रोड पर जिस महाविद्यालय में इन बाइक्स को तैयार किया जा रहा है वहां पर मीडिया को रोकने के लिए सशस्त्र लोग दरवाजे पर मौज़ूद हैं.

यूपी के विभिन्न जिलों में इन बाइक्स को भेजा जायेगा. आगरा में 36, मथुरा में 20, मैनपुरी में 16, फिरोजाबाद में 20, अलीगढ़ में 24, हाथरस में 16, एटा में 16, कासगंज में 16,बरेली में 36, बदायूं में 24, पीलीभीत में 12,शाहजहांपुर में 24 बाइक दी जायेंगी.

रमेश चन्द्र विधूड़ी ने दी सफाई:

बाइक्स की खरीद नोटबंदी के दौरान की गई, इस बात पर रमेश चन्द्र विधूड़ी ने इसे ख़ारिज किया और उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई सबूत नहीं है कि बाइक गलत तरीके से खरीदी गई. बाइक खरीदने के लिए सभी प्रक्रिया को पूरा किया गया है. ट्रांजेक्शन की रसीद भी है लेकिन विपक्ष बीजेपी को बदनाम करने के लिए अफवाह उड़ा रहा है.

देखना होगा कि नोटबंदी के इस दौर में कैसे इन बाइक्स का संचालन किया जाएगा. लगभग रोज प्रचार में जुटने वाली बाइक्स और इनको चलाने के लिए पेट्रोल और बाइक सवारों की तनख्वाह आदि का इंतजाम कैसे किया जायेगा, इसका जवाब फ़िलहाल कोई देने को तैयार नहीं है. बीजेपी ने गोरखपुर में बाइक बांटे जाने की खबर के बाद आगरा में चुपचाप तरीके से बाइक्स उतार दीं लेकिन इसके खुलासे के बाद बीजेपी नेताओं में अफरा-तफरी का माहौल है.

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